दो साल का गहरा प्यार, बॉयफ्रेंड को हुआ शक धोखा दे रही गर्लफ्रेंड, चाकू से गोद डाला
मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां प्यार, अविश्वास और क्रूरता ने मिलकर एक युवती की जान ले ली। सोशल मीडिया पर शुरू हुई दोस्ती दो साल के प्रेम संबंध में बदली, लेकिन जब शक ने जगह ली तो प्रेमी ने प्रेमिका को बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया। यह हृदयविदारक घटना 27 जून की दोपहर नरसिंहपुर जिला अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर परिसर में हुई, जहां आरोपी युवक ने युवती का गला चाकू से रेत दिया।
अस्पताल परिसर में हुई निर्मम हत्या
मृतका संध्या चौधरी नरसिंहपुर के पटेल वार्ड की रहने वाली थी और अस्पताल में भर्ती एक रिश्तेदार को देखने आई थी। इसी दौरान वह ट्रॉमा सेंटर के बाहर कुर्सी पर बैठी थी, तभी आरोपी अभिषेक कोष्टी वहां पहुंचा। सीसीटीवी फुटेज में साफ देखा गया कि दोनों के बीच पहले कुछ बातचीत होती है, फिर आरोपी उसके साथ हाथापाई करता है और अचानक चाकू से उस पर हमला कर देता है। आरोपी ने गले पर वार किया, जिससे संध्या की मौके पर ही मौत हो गई।
इस दौरान अस्पताल में मौजूद स्टाफ और अन्य लोग तमाशबीन बने रहे। एक नर्सिंग अधिकारी ने पुलिस को बताया कि जब कुछ लोगों ने बीच-बचाव की कोशिश की तो कोष्टी ने उन्हें भी जान से मारने की धमकी दी। हमले के बाद आरोपी ने खुद को भी नुकसान पहुंचाने की कोशिश की, लेकिन फिर मोटरसाइकिल लेकर मौके से फरार हो गया।
दो साल पुराना रिश्ता, शक बना वजह
पुलिस जांच में सामने आया है कि अभिषेक और संध्या की दोस्ती करीब दो साल पहले सोशल मीडिया के जरिए हुई थी। दोनों के बीच प्रेम संबंध था, लेकिन आरोपी को संदेह था कि संध्या अब किसी और से जुड़ चुकी है। इसी अविश्वास ने उसे इतना क्रूर बना दिया कि उसने उसकी जान लेने का मन बना लिया। एसपी मृगाखी डेका के अनुसार, आरोपी ने पूछताछ में स्वीकार किया कि उसने संध्या को मारने और खुद की जान लेने की योजना पहले से बना ली थी।
आरोपी गिरफ्तार, जांच जारी
घटना के करीब एक घंटे के भीतर पुलिस ने आरोपी अभिषेक कोष्टी को गिरफ्तार कर लिया। संध्या की हत्या के बाद नरसिंहपुर पुलिस और फोरेंसिक टीम ने घटनास्थल पर पहुंचकर जांच शुरू की। मौके से हत्या में प्रयुक्त चाकू भी बरामद किया गया है। पुलिस ने बताया कि आरोपी के खिलाफ हत्या और धमकी की धाराओं में मामला दर्ज किया गया है।
सवालों के घेरे में अस्पताल की सुरक्षा
इस घटना ने अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। दिनदहाड़े ट्रॉमा सेंटर जैसे संवेदनशील स्थान पर हुई हत्या और किसी की ओर से समय पर हस्तक्षेप न होना न केवल प्रशासनिक चूक को उजागर करता है बल्कि यह भी दिखाता है कि महिला सुरक्षा को लेकर व्यवस्था कितनी लापरवाह है।