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दरोगा की वर्दी में शादीशुदा प्रेमिका से मिलने पहुंचा युवक, दिनभर रहा घर में, फिर जो हुआ, कोई सोच नहीं सकता

 

उत्तर प्रदेश के मेरठ से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जहां एक युवक ने गर्लफ्रेंड को इम्प्रेस करने और लोगों पर रौब जमाने के लिए खुद को फर्जी दारोगा बना लिया। मगर उसकी ये चालाकी ज्यादा दिन नहीं चल सकी। लोगों को उस पर शक हुआ और पुलिस को बुला लिया गया। जब असली पुलिस ने पूछताछ की तो युवक ने सारी सच्चाई कबूल कर ली। फिलहाल आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।

गर्लफ्रेंड के घर सब-इंस्पेक्टर की वर्दी में पहुंचा

मामला मेरठ जिले के थाना इंचौली क्षेत्र का है। यहां शुभम राणा नामक युवक ने खुद को उत्तर प्रदेश पुलिस का सब-इंस्पेक्टर बताकर फर्जी वर्दी में गर्लफ्रेंड के घर पहुंचा था। वह अक्सर इसी तरह वर्दी पहनकर अपनी गर्लफ्रेंड से मिलने आता था। इस बार भी वह ग्रेटर नोएडा के दादरी थाने में तैनात सब-इंस्पेक्टर होने का दावा कर रहा था। लेकिन उसकी किस्मत ने इस बार साथ नहीं दिया।

लोगों को हुआ शक, फिर खुली पोल

स्थानीय लोगों को शुभम राणा पर पहले से ही शक था। जब उसने सब-इंस्पेक्टर की वर्दी पहनकर गर्लफ्रेंड के घर दस्तक दी, तो लोगों ने उसे रोका और कुछ सवाल पूछे। लेकिन युवक सवालों का सही जवाब नहीं दे पाया, जिससे लोगों का शक यकीन में बदल गया। उन्होंने तुरंत पुलिस को सूचना दी। पुलिस मौके पर पहुंची और युवक को हिरासत में लिया।

पूछताछ में उगले सारे राज

थाने ले जाकर जब पुलिस ने युवक से कड़ाई से पूछताछ की तो उसने खुद को नकली दारोगा होने की बात कबूल कर ली। जांच में पता चला कि शुभम कभी पुलिसकर्मी नहीं रहा है। दरअसल, वह दो साल पहले वन विभाग की एक कैंप रैली में कुछ महीनों तक काम कर चुका था। वहीं से उसे सरकारी तंत्र के कामकाज की जानकारी मिली और फर्जी पुलिस अधिकारी बनने का आइडिया आया।

टेलर से सिलवाई वर्दी, करने लगा वसूली

पुलिस के अनुसार, शुभम ने मुजफ्फरनगर के एक टेलर से सब-इंस्पेक्टर की वर्दी सिलवाई थी और फिर खुद को दादरी थाने में तैनात पुलिस अफसर बताकर घूमने लगा। उसका मकसद सिर्फ गर्लफ्रेंड को इम्प्रेस करना नहीं था, बल्कि वह इस फर्जी पहचान का फायदा उठाकर लोगों से वसूली भी करने लगा था। पुलिस ने बताया कि युवक ने पहले भी कई बार खुद को पुलिस अफसर बताकर लोगों को ठगा है।

पुलिस ने किया गिरफ्तार, भेजा जेल

एसएसपी मेरठ ने बताया कि युवक की असलियत सामने आने के बाद उसके खिलाफ ठगी और धोखाधड़ी की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोपी को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया है। पुलिस अब यह भी जांच कर रही है कि उसने फर्जी दारोगा बनकर अब तक कितने लोगों को निशाना बनाया।

यह मामला न सिर्फ कानून व्यवस्था के लिहाज से गंभीर है, बल्कि यह भी बताता है कि कुछ लोग सोशल स्टेटस और दिखावे के लिए किस हद तक जा सकते हैं। पुलिस ने सतर्कता दिखाते हुए सही समय पर कार्रवाई की, जिससे एक फर्जीवाड़े का पर्दाफाश हो सका।