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पहाड़ी रास्ते में सड़क किनारे चुपचाप बैठा था लंगूर, फिर जो हुआ, वायरल वीडियो कर देगा आपको भी इमोशनल

 

कहते हैं कि अगर कोई इंसान मुसीबत में फंसा हुआ हो तो वह कम से कम अपने जुबान से बोलकर मदद तो मांग लेता है, लेकिन बेजुबान जानवरों का क्या। वह तो ऐसा भी नहीं कर सकते। सोशल मीडिया पर इस समय एक ऐसा ही वीडियो वायरल हो रहा है। जिसे जिसने भी देखा उसकी आंखें नम हो गई। दरअसल उत्तराखंड का एक वीडियो वायरल हो रहा है। जिसमें पहाड़ी रास्ते के बीच में एक लंगूर बैठा है।

यह कोई चहलकदमी नहीं कर रहा है। दिखने में यह बीमार प्रतीत हो रहा है। इसके लिए फरिश्ते बनकर पहुंचे कुछ लोग इससे बातचीत करने की कोशिश करते हैं, पर यह शांति से बिना उनकी तरफ देखे एक ही जगह पर बैठा हुआ है। फिर इससे पीने के लिए पानी पूछा जाता है। उसका भी यह कोई जवाब नहीं देता। जिसके बाद एक शख्स उसके मुंह पर पानी गिराता है। जिसके बाद लंगूर एक-एक घूंट करके पीने लगता है।

 

हिलाने-डुलाने पर लंगूर ने नहीं दी कोई प्रतिक्रिया

वीडियो में इस लंगूर की स्थिति देखकर ऐसा तो हम कह ही सकते हैं कि उसके साथ कुछ तो हुआ है, पर क्या ये उन लोगों को भी नहीं पता जो इसकी मदद कर रहे हैं। पानी पिलाने के बाद यह लोग लंगूर को हिलाने-डुलाने लगे ताकि यह पता चल सके कहीं इसको चोट तो नहीं लगी। हिलाने-डुलाने पर भी यह कोई प्रतिक्रिया नहीं देता है। लंगूर की स्थिति में कोई सुधार ना देखकर वह लोग उसको अपने साथ लेकर चले गए।

 

इस वीडियो को सोशल मीडिया पर The Mountain Traveller नाम के अकाउंट से शेयर किया गया है। वीडियो को पोस्ट करते हुए लिखा: 'आज गांव जाते समय रास्ते में एक घायल गोंडी/लंगूर मिला'। सोशल मीडिया यूजर्स ने इस पर कई तरह के कमेंट्स किए हैं। जिसमें पहले यूजर ने लिखा: "इंसानियत से ऊपर कोई धर्म नहीं और इससे ऊपर कोई कर्म नहीं", दूसरे ने लिखा: "जानवर को भी पता है कि इंसानों में इंसानियत अभी भी है इसलिए वो रास्ते में आ गया। आपको पुण्य का काम मिला है भाई जी बहुत ही सुंदर"।

 

एक-दो दिन बाद एक यूजर ने कमेंट कर पूछा : "भाई वो लंगूर का क्या हुआ, वो ठीक हो गया ?" इस पर रिप्लाई करते हुए The Mountain Traveller नाम का यूजर कहता है कि "घायल लंगूर को बचाने के लिए हमने अपने इंसान होने का धर्म और कर्म दोनों निःस्वार्थ भाव से निभाया।" एक और पोस्ट में कहा कि लंगूर का उपचार चल रहा है। सभी लोगों की दुआओं के लिए दिल से धन्यवाद। आप लोगों की दुआओं का ही असर है की हम लोग इसे आज उपचार के लिए अधीनस्थ विभाग को सौंप रहे हैं।"