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श्रीनगर: अलगाववाद के हिमायतियों पर बड़े एक्शन की तैयारी, 31 जनवरी के बाद संपत्ति जब्त

 

श्रीनगर, 30 दिसंबर (आईएएनएस)। देश विरोधी प्रचार और अलगाववादी गलत सूचनाओं पर बड़ी कार्रवाई करते हुए एनआईए एक्ट के तहत नामित श्रीनगर की स्पेशल जज की कोर्ट ने पुलिस स्टेशन काउंटर इंटेलिजेंस कश्मीर की एफआईआर के आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ आपराधिक प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 82 के तहत एक उद्घोषणा जारी की है।

मामला आईपीसी की धारा 153-ए और 505 तथा गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम की धारा 13 के तहत गंभीर अपराधों से संबंधित है, जो विश्वसनीय खुफिया जानकारी के आधार पर दर्ज किया गया था। इसमें घाटी के अंदर और बाहर अलगाववादी ताकतों के इशारे पर काम करने वाले बेईमान, असामाजिक और देश विरोधी तत्वों द्वारा एक सुनियोजित साजिश का खुलासा हुआ है।

जांच में पता चला है कि ये तत्व न्यूज पोर्टल, पत्रकार और फ्रीलांसर के रूप में काम कर रहे थे, जबकि असल में वे फेसबुक, एक्स (पहले ट्विटर) और व्हाट्सएप जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करके फर्जी, प्रेरित, बढ़ा-चढ़ाकर, अलगाववादी और संदर्भ से बाहर की सामग्री बनाने, अपलोड करने और फैलाने का काम कर रहे थे।

इसका मकसद सड़कों पर हिंसा भड़काना, सामान्य जीवन को बाधित करना, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाना, सार्वजनिक व्यवस्था को बिगाड़ना और बड़े पैमाने पर अशांति फैलाना था, जिससे देश विरोधी भावनाओं को बढ़ावा मिले और भारत संघ के खिलाफ असंतोष पैदा करने के उद्देश्य से अलगाववादी एजेंडे को आगे बढ़ाया जा सके।

जांच के दौरान श्रीनगर के रहने वाले मुबीन अहमद शाह पुत्र स्वर्गीय अली मोहम्मद शाह, अजीजुल हसन अशई उर्फ टोनी अशई पुत्र नजीर अहमद अशई और रिफत वानी पुत्री गुलाम मोहम्मद वानी के नाम सामने आए, जो फरार हैं।

मामले को गंभीरता से लेते हुए, स्पेशल एनआईए कोर्ट ने अब सेक्शन 82 सीआरपीसी के तहत एक घोषणा जारी की है, जिसमें आरोपियों को 31 जनवरी 2026 को या उससे पहले कोर्ट के सामने पेश होने का निर्देश दिया गया है। इसका पालन न किए जाने पर संपत्ति की जब्ती जैसे कदम उठाए जाएंगे।

फरार घोषित होने के बावजूद आरोपी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बहुत सक्रिय हैं। वे जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश में बड़े पैमाने पर हिंसा भड़काने और सार्वजनिक व्यवस्था को अस्थिर करने के इरादे से झूठी, मनगढ़ंत और भड़काऊ सामग्री फैला रहे हैं। उन्हें चेतावनी दी गई है कि उनके खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाएगी।

--आईएएनएस

एएमटी/डीकेपी