सिंहावलोकन 2025 : इस साल बड़े पर्दे पर इन अभिनेत्रियों का चला सिक्का, हर किरदार में दिखाई गहराई
नई दिल्ली, 22 दिसंबर (आईएएनएस)। बॉलीवुड और भारतीय सिनेमा की कई अभिनेत्रियों ने दमदार अभिनय, जबरदस्त स्क्रीन प्रेजेंस और बहुमुखी प्रतिभा से पूरे साल स्क्रीन पर कब्जा जमाए रखा। रोमांस हो, ड्रामा हो, कॉमेडी हो या ऐतिहासिक पृष्ठभूमि की कहानी, इन अभिनेत्रियों ने हर तरह के किरदार में अपनी अलग छाप छोड़ी।
जान्हवी कपूर: जान्हवी कपूर ने इस साल अपने अभिनय का लोहा मनवाया। 'सनी संस्कारी की तुलसी कुमारी' में उनकी कमर्शियल एनर्जी और कॉमिक टाइमिंग ने स्क्रीन पर जान डाल दी। दर्शकों ने उनके किरदार की हर मुस्कान और हर भावनात्मक पल को महसूस किया। इसके बाद 'परम सुंदरी' में उनका आत्मविश्वास गजब का रहा। वहीं, 'होमबाउंड' में जान्हवी ने सच्चाई और भावनात्मक गहराई से भरे किरदार को निभाया, जिसने दर्शकों के दिलों को छू लिया। यह फिल्म ऑस्कर के लिए शॉर्टलिस्ट हुई है।
यामी गौतम: यामी गौतम फिल्म 'हक' के जरिए दर्शकों की उम्मीदों पर खरी उतरी। इसमें उनका किरदार दृढ़, ईमानदार और भावनाओं से भरा था। दर्शकों की उम्मीदों के मुताबिक, यामी कहानी की आत्मा बनकर सामने आईं। लोगों ने उनकी हर छोटी-बड़ी प्रतिक्रिया को महसूस किया। यह फिल्म उनके बारे में स्पष्ट करती है कि वे केवल शोर वाली फिल्मों का चुनाव नहीं करतीं, बल्कि ऐसी कहानी चुनती हैं जो दर्शकों को सोचने और महसूस करने पर मजबूर करे। 'हक' ने उन्हें हिंदी सिनेमा की सबसे प्रभावशाली अभिनेत्रियों में शामिल किया।
तृप्ति डिमरी: तृप्ति डिमरी ने 'धड़क 2' के जरिए अपने अभिनय की बहुमुखी प्रतिभा साबित की। इस फिल्म में प्यार, दिल टूटने, संघर्ष और जज्बे को उन्होंने इतनी सच्चाई और ईमानदारी से पेश किया कि दर्शक हर सीन में उनकी संवेदनशीलता को महसूस कर सकें। यह फिल्म उनके करियर के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई। तृप्ति ने दिखाया कि बड़े स्तर की कहानी भी बिना भावनात्मक संवेदनशीलता खोए, गहराई और सच्चाई के साथ निभाई जा सकती है।
अनीत पड्डा: अनीत पड्डा ने फिल्म 'सैयारा' से लोगों के दिलों में खास जगह बनाई। उनका अभिनय सहज था और भावनाओं से भरा था। उन्होंने अपने किरदार को इतनी खूबसूरती से पेश किया कि दर्शक पूरी कहानी में खो गए। यह फिल्म साबित करती है कि अनीत पड्डा आने वाले समय में सिनेमा की एक बड़ी ताकत बनने जा रही हैं।
रश्मिका मंदाना: इस साल रश्मिका मंदाना दो अलग-अलग शैली की फिल्मों के साथ उभरीं। 'छावा' में उन्होंने ऐतिहासिक पृष्ठभूमि में गरिमा, दृढ़ता और संवेदनशीलता के साथ अभिनय किया। वहीं, 'थामा' में उन्होंने रोमांस, कॉमेडी, हॉरर और ड्रामा को सहजता से निभाकर अपनी बहुमुखी प्रतिभा दिखाई। दोनों फिल्मों में रश्मिका ने यह साबित किया कि वे किसी भी जॉनर या चुनौतीपूर्ण भूमिका को सहजता और आत्मविश्वास के साथ निभा सकती हैं।
--आईएएनएस
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