सिंहावलकोन 2025: मध्य एशिया की सर्द सीमाओं से अफ्रीकी 'युद्धक्षेत्र' तक, प्रवासियों के दर्द ने दुनिया को झकझोरा
नई दिल्ली, 25 दिसंबर (आईएएनएस)। 2025 में प्रवासी संकट केवल आंकड़ों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि यह मानवीय कहानियों के रूप में भी सामने आया। युद्ध, हिंसा, प्राकृतिक आपदाएं और राजनीतिक अस्थिरता ने लाखों की जिंदगियां उजाड़ दीं। लोग बेघर हो जहां आसरा लेने पहुंचे वहां से भी लौटा दिए गए। अफगान शरणार्थियों की लौटने या जबरन निकाले जाने की प्रक्रिया, सूडान और साहेल में हिंसा और लीबिया में मानव तस्करी ने मानवता को शर्मसार कर दिया। अफगानिस्तान में युद्ध और अस्थिरता के कारण लाखों लोग घर छोड़ने को मजबूर हुए।
जनवरी 2025 से जून 2025 तक ईरान ने अफगान प्रवासियों को देश छोड़ने के लिए मजबूर किया, जिसके परिणामस्वरूप लगभग 1.1 मिलियन (11 लाख) अफगानियों को सीमा पार लौटना पड़ा। इस प्रक्रिया के दौरान हेरात के पास 19 अगस्त को हुई एक बस दुर्घटना में कम से कम 79 लोग, जिनमें 19 बच्चे शामिल थे, अपनी जान गंवा बैठे।
यूनिसेफ के अनुसार जनवरी से जून 2025 के बीच 714,572 अफगान लौटे, जिनमें अधिकांश अनियमित और 70 प्रतिशत जबरन लौटाए गए थे। यूएनएचसीआर ने दिसंबर 2025 तक लगभग 2.8 मिलियन (28 लाख) अफगान शरणार्थियों और प्रवासियों को पाकिस्तान और ईरान से लौटते हुए रिकॉर्ड किया, जबकि अफगानिस्तान के भीतर 3.2 मिलियन (32 लाख) लोग विस्थापित थे। इस विशाल पलायन में महिलाएं और बच्चे सबसे अधिक प्रभावित हुए, जिन्हें स्कूल, स्वास्थ्य सेवाओं और भोजन तक पहुंच नहीं मिली, जिससे जीवन की स्थिति और कठिन हो गई।
सूडान में भी गृह युद्ध और हिंसा के कारण जुलाई से दिसंबर 2025 तक लगभग 12 मिलियन (1.2 करोड़) लोग विस्थापित हुए, जिनमें से 7.26 मिलियन (72.6 लाख) देश के भीतर और 4.25 मिलियन (42.5 लाख) लोग सीमा पार शरणार्थी बने। पड़ोसी चाड और अन्य देशों में शरणार्थियों की भारी भीड़ ने स्थानीय संसाधनों पर दबाव बढ़ा दिया और बुनियादी सेवाओं की कमी को उजागर किया।
सेंट्रल साहेल क्षेत्र में माली, बुर्किना फासो और नाइजर में जनवरी से जून 2025 तक संघर्ष और हिंसा ने माली के 3,09,000 से अधिक शरणार्थियों को विस्थापित कर दिया।
डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो में दिसंबर 2025 तक प्राकृतिक आपदाओं और संघर्ष के कारण 2 मिलियन से अधिक लोग विस्थापित हुए, स्वास्थ्य सेवाओं और भोजन की भारी कमी के बीच अपने जीवन को सुरक्षित रखने की कोशिश कर रहे थे। यूएनएचसीआर और यूनीसेफ ने चेतावनी दी कि 2025 के दौरान ह्यूमैनिटेरियन बजट कटौती ने लगभग 11.6 मिलियन शरणार्थियों और विस्थापितों को उपलब्ध सहायता तक पहुंच को प्रभावित किया और महिलाओं व बच्चों पर इसका सबसे अधिक असर पड़ा।
मध्य एशिया में अफगान प्रवासियों के अलावा स्थानीय सीमाओं पर भी विस्थापन देखा गया। उज्बेकिस्तान, ताजिकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान की सीमाओं पर मार्च से जून 2025 के बीच हजारों अफगान परिवार फंसे रहे। महिलाएं और बच्चे सर्दी में बिना पर्याप्त आश्रय और भोजन के भटकते रहे और कई लोग बुनियादी सेवाओं के अभाव में गंभीर बीमारियों का शिकार हुए।
--आईएएनएस
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