सिंहावलोकन 2025: युद्ध और उथल-पुथल के बीच शीर्ष सैन्य अधिकारियों की मौत, दुनिया रह गई स्तब्ध
नई दिल्ली, 24 दिसंबर (आईएएनएस)। साल 2025 की शुरुआत के साथ ही दुनिया के कई हिस्सों में सैन्य और भू-राजनीतिक तनाव खुलकर सामने आने लगे। यह वह वर्ष रहा जब युद्ध केवल सीमाओं और मोर्चों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि सेनाओं का नेतृत्व करने वाले शीर्ष कमांडर स्वयं हिंसा, हमलों और रहस्यमय मौतों के केंद्र में आ गए।
क्रिसमस से एक दिन पहले ही सुबह एक दुखद खबर से सब स्तब्ध रह गए। 2025 का आखिरी सप्ताह दुनिया के शीर्ष सैन्य अफसर के दुखद अंत की खबर लेकर आया। 23 दिसंबर 2025 को उत्तरी अफ्रीका में लीबिया के चीफ ऑफ जनरल स्टाफ जनरल मोहम्मद अली अहमद अल-हद्दाद की मौत एक विमान हादसे में हो गई। बताया गया कि तुर्की से उड़ान भरने के बाद उनका निजी विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। लीबिया जैसे अस्थिर देश में सेना प्रमुख की अचानक मौत ने वहां के सैन्य और राजनीतिक संतुलन को लेकर नई आशंकाएं पैदा कर दीं। प्राइवेट जेट में लीबिया के सेना प्रमुख और चार अन्य अधिकारी तुर्की से अपने देश लौट रहे थे तभी प्लेन क्रैश हो गया। उनके साथ 7 अन्य की भी मौत हो गई।
इससे ठीक एक दिन पहले 22 दिसंबर को रूस के शीर्ष अधिकारी की मौत ने भी सबको स्तब्ध कर दिया। मास्को में एक कार विस्फोट हुआ, जिसमें लेफ्टिनेंट जनरल फानिल फानिसोविच सरवारोव गंभीर रूप से घायल हो गए और बाद में अस्पताल में उनकी मौत हो गई। वे रूसी सशस्त्र बलों के जनरल स्टाफ के अंतर्गत ऑपरेशनल ट्रेनिंग डायरेक्टोरेट के प्रमुख थे। इस हमले को 2025 में रूस के खिलाफ हुए सबसे हाई-प्रोफाइल लक्षित हमलों में गिना गया और इसकी जांच हत्या के रूप में शुरू की गई।
13 जून को एक खबर आई जो ईरान के लिए बहुत बड़ा झटका थी। इजरायली हवाई हमले में ईरान के सशस्त्र बलों के चीफ ऑफ स्टाफ, मेजर जनरल मोहम्मद बाघेरी की मौत हो गई थी। जनरल मोहम्मद बाघेरी ईरान के सर्वोच्च सैन्य प्रमुख थे, जिन्हें ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड्स (आईआरजीसी) के साथ रणनीतिक और परमाणु नीति निर्माण में केंद्रीय भूमिका निभाते हुए देखा गया था।
वहीं, 25 अप्रैल 2025 को मास्को के पास बालाशिखा इलाके में एक कार बम विस्फोट ने रूसी सैन्य प्रतिष्ठान को हिला दिया था। इस हमले में लेफ्टिनेंट जनरल यारोस्लाव यारोस्लावोविच मोस्कालिक की मौत हो गई। वे रूसी जनरल स्टाफ के मेन ऑपरेशंस निदेशालय में डिप्टी चीफ के पद पर तैनात थे। यह घटना इसलिए भी अहम मानी गई क्योंकि यह दिखाती थी कि रूस-यूक्रेन संघर्ष की आग अब राजधानी के आसपास तक पहुंच चुकी है।
दुनिया के लिए साल 2025 एक असामान्य और बेचैन करने वाला वर्ष साबित हुआ, जब युद्ध और तनाव का असर सीधे उन चेहरों तक पहुंच गया जो सेनाओं की कमान संभालते थे। यह साल इसलिए भी अलग रहा क्योंकि कई देशों में शीर्ष सैन्य कमांडर और चीफ रहस्यमय हमलों, कार बम विस्फोटों, हवाई हमलों और विमान हादसों में मारे गए। 2025 में हुई इन मौतों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर केवल व्यक्तिगत घटनाओं की तरह नहीं देखा जा सकता बल्कि वर्तमान हालात में ये वैश्विक शक्ति संतुलन के तौर पर देखा जाना चाहिए।
--आईएएनएस
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