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मुजाहिदा बनकर गोलियां बरसाना चाहती थी... मां की डांट और ब्रेनवॉश ने अमीना को बना दिया कट्टर

 

उत्तर प्रदेश के आगरा जिले से एक चौंकाने वाला धर्मांतरण मामला सामने आया है, जहां दो सगी बहनों को एक सुनियोजित धर्मांतरण गिरोह ने अपने जाल में फंसा लिया। पुलिस और स्थानीय एजेंसियों की मदद से दोनों बहनों को गिरोह के चंगुल से मुक्त कराया गया है, और फिलहाल उनकी काउंसलिंग की जा रही है। इस दौरान हुए खुलासे हैरान कर देने वाले हैं।

काउंसलिंग के दौरान पता चला कि दोनों बहनों में से छोटी बहन ‘जोया’ (धर्मांतरण से पहले का नाम गोपनीय रखा गया है) मानसिक रूप से सबसे अधिक कट्टर बन चुकी थी। वह 'मुजाहिदा' बनने की जिद पर अड़ी हुई थी और हथियार उठाने की सोच तक विकसित कर चुकी थी।

कैसे हुई शुरुआत?

बताया जा रहा है कि छोटी बहन जोया बालूगंज के एक इंग्लिश मीडियम स्कूल में पढ़ती थी और 10वीं कक्षा की छात्रा थी। कोरोना महामारी के दौरान जब लॉकडाउन लगा और स्कूल ऑनलाइन हो गए, तब वह मोबाइल गेम PUBG की आदी हो गई। गेमिंग के जरिए ही उसका संपर्क उन लोगों से हुआ, जिन्होंने उसे धीरे-धीरे कट्टरपंथी विचारधारा की ओर मोड़ दिया। वहीं, उसकी बड़ी बहन पहले से ही धर्मांतरण गिरोह के संपर्क में थी और इस्लाम के प्रति आकर्षण भी जाहिर कर चुकी थी। वह छोटी बहन को भी इन विचारों में शामिल करने लगी। दोनों के बीच दिल की बातें शेयर होने लगीं और धीरे-धीरे छोटी बहन भी इसी राह पर चलने लगी।

हथियार उठाने तक की सोच

जोया गेम की दुनिया को असल जिंदगी में जीना चाहती थी। उसका मन सचमुच हथियार उठाने का होने लगा था। जब बड़ी बहन ने यह बात गिरोह के सदस्यों को बताई तो उन्होंने पूछा कि छोटी बहन की उम्र क्या है। उन्हें बताया गया कि वह अभी नाबालिग है, तो उन्होंने कहा कि जब वह बालिग हो जाए, तब घर छोड़ने का प्लान बनाया जाए।

हिंदू धर्म और इस्लाम पर बहस

काउंसलिंग के दौरान बड़ी बहन ने यह भी कहा कि हिंदू धर्म में केवल एक शादी की अनुमति है, जबकि इस्लाम में पहले से स्पष्ट होता है कि पति एक से अधिक निकाह कर सकता है। उसने यह भी आरोप लगाया कि उसके चाचा ने हिंदू होते हुए भी दूसरा विवाह कर लिया, जिससे वह आहत हुई थी। काउंसलरों ने बड़ी बहन को समझाया कि उसकी छोटी बहन का मुजाहिदा बनने का सपना न केवल अव्यवहारिक बल्कि गैरकानूनी और आपराधिक है। साथ ही उसे बताया गया कि वह एक संगठित अपराध में फंस चुकी है।

अब तक 14 गिरफ्तार

पुलिस ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए तेजी से कार्रवाई की है। अब तक इस धर्मांतरण गिरोह के 14 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। पूछताछ और अन्य पीड़ितों की पहचान का काम अभी जारी है। यह मामला न केवल साइबर अपराध, कट्टरपंथ और धर्मांतरण का खतरनाक गठजोड़ उजागर करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि कैसे ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म भी युवाओं को बहकाने का माध्यम बन रहे हैं। पुलिस अधिकारियों ने अपील की है कि अभिभावक अपने बच्चों की ऑनलाइन गतिविधियों पर नजर रखें और किसी भी असामान्य व्यवहार को हल्के में न लें। वहीं, इस केस की जांच ATS और IB जैसे केंद्रीय एजेंसियों तक भी पहुंच सकती है।