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बुजुर्गों को अकेले मिलने बुलाती, फिर करती थीं ऐसा काम… रोंगटे खड़े कर देगी रिटायर्ड कर्मचारी की कहानी

 

उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले में पुलिस ने एक खतरनाक हनीट्रैप गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो बुजुर्ग पुरुषों को अपने जाल में फंसा कर उनसे लाखों रुपये की वसूली करता था। यह गैंग फिल्मी अंदाज़ में बुजुर्गों को पहले सोशल मीडिया पर फंसाता, फिर ब्लैकमेलिंग और धमकी के जरिए उनसे मोटी रकम ऐंठ लेता था। बुधवार को पुलिस ने इस गिरोह की दो महिलाओं समेत चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जबकि गिरोह के सरगना सोनू शर्मा समेत दो आरोपी अभी भी फरार हैं।

सोशल मीडिया पर शुरू होती थी साजिश

इस गिरोह की योजना बड़ी ही सुनियोजित थी। गैंग की महिलाएं सोशल मीडिया पर बुजुर्गों से संपर्क करतीं, धीरे-धीरे उनसे नजदीकियां बढ़ाई जातीं, और फिर अकेले में मिलने के लिए फ्लैट पर बुलाया जाता। जैसे ही बुजुर्ग व्यक्ति फ्लैट पर पहुंचता, वहां पहले से मौजूद गैंग के सदस्य उसकी अश्लील वीडियो बनाकर उसे ब्लैकमेल करते और केस में फंसाने की धमकी देकर लाखों रुपये की मांग करते।

रिटायर्ड कर्मचारी से 10 लाख की मांग

चार हफ्ते पहले मुरादाबाद के ठाकुरद्वारा इलाके के रहने वाले एक रिटायर्ड कर्मचारी को इसी गिरोह ने फंसाया। महक नाम की महिला ने उसे फोन कर जान-पहचान बढ़ाई और फिर सिविल लाइंस के एक फ्लैट पर बुलाया। वहां उसकी आपत्तिजनक वीडियो बनाई गई और तभी गैंग के सदस्य राहुल शर्मा, राधेश्याम और रानी कमरे से बाहर आ गए। उन्होंने पीड़ित को केस में फंसाने की धमकी देकर 10 लाख रुपये की रंगदारी मांगी।

डर के मारे पीड़ित ने मौके पर ही 50 हजार रुपये दे दिए और बाकी रकम लाने के बहाने चारों को अपनी कार में बैठाकर ले गया। जैसे ही कार सिविल लाइंस थाना क्षेत्र में पहुंची, पीड़ित ने पुलिस को देखकर शोर मचा दिया। मौके पर पहुंची पुलिस ने चारों को धर दबोचा। पूछताछ में खुलासा हुआ कि इस गिरोह में शामिल सोनू शर्मा और अमन दूसरी कार में उनका पीछा कर रहे थे, लेकिन पुलिस देखकर फरार हो गए।

पहले भी फंसा चुके हैं कई बुजुर्ग

पुलिस जांच में यह सामने आया है कि यह गिरोह कई बुजुर्ग पुरुषों को पहले भी इसी तरीके से फंसा चुका है। आरोपी महिलाओं महक और रानी का आपराधिक इतिहास भी सामने आया है। महक पर अपने पिता की हत्या का आरोप है और वह जेल भी जा चुकी है, वहीं राहुल शर्मा पर गैंगस्टर एक्ट, आर्म्स एक्ट समेत 8 आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं।

कमजोर मानसिकता वाले पुरुष थे निशाने पर

एसपी सिटी कुमार रणविजय सिंह ने बताया कि आरोपी महिलाएं भावनात्मक रूप से कमजोर, रिटायर्ड या अशिक्षित बुजुर्गों को निशाना बनाती थीं। पहले फोन पर प्यार भरी बातें होतीं, फिर मिलने पर वीडियो बना कर ब्लैकमेलिंग शुरू हो जाती थी। फिलहाल, पुलिस ने चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर एफआईआर दर्ज कर ली है और फरार दो अन्य आरोपियों की तलाश जारी है। पुलिस ने जनता से अपील की है कि सोशल मीडिया पर अनजान लोगों से संपर्क करते समय सतर्क रहें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत सूचना दें। इस मामले ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि डिजिटल रिश्तों में भी धोखा छिपा हो सकता है, और सतर्कता ही सबसे बड़ी सुरक्षा है।