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संविधान बचेगा तो न्याय बचेगा, नहीं तो एकतंत्र आएगा : अखिलेश यादव

 

लखनऊ, 6 दिसंबर (आईएएनएस)। डॉ. भीमराव अंबेडकर के पुण्यतिथि महापरिनिर्वाण दिवस पर देशभर से नेता श्रद्धाजंलि दे रहे हैं। इस बीच समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भारतीय संविधान की रक्षा की बात की।

अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर पोस्ट कर कहा कि जो लोग संविधान को कमजोर करना चाहते हैं, वे दरअसल लोकतंत्र को खत्म करके एकतंत्र लाना चाहते हैं। उन्होंने लिखा, "देश का नारा होना चाहिए – जय जवान, जय किसान, जय संविधान। संविधान को लेकर कोई पक्ष-विपक्ष नहीं होना चाहिए। सबको एक तरफ, एक मत होना चाहिए।"

उन्होंने संसद में चल रही संविधान पर बहस को लोकतंत्र के लिए सबसे दुखद बताया और कहा कि वहां संविधान को बचाने की बात हो रही है, जबकि संविधान के हिसाब से देश को आगे बढ़ाने की चर्चा होनी चाहिए।

सपा प्रमुख ने संविधान को 'लोकतंत्र का कर्म ग्रंथ' और 'संजीवनी' बताया। उन्होंने चेतावनी दी कि संविधान पर संकट का छाना दरअसल लोकतंत्र पर संकट है। 'जो संविधान को कमजोर करना चाहते हैं, वे लोकतंत्र को कमजोर करना चाहते हैं और लोकतंत्र के विरोधी वही होते हैं जो एकतंत्र लाना चाहते हैं।' अखिलेश ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि जो हक मारना चाहते हैं, वही संविधान को नकारने की कोशिश करते हैं।

अपनी पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) रणनीति को संविधान से जोड़ते हुए अखिलेश ने कहा, "संविधान ही पीडीए का प्रकाश स्तंभ है। संविधान ही व्यक्ति की गरिमा और प्रतिष्ठा सुनिश्चित करता है। यह पीडीए समाज को शोषण-उत्पीड़न से बचाता है और शोषकों को सजा दिलाता है। हमारे लिए संविधान आखिरी उम्मीद है, रक्षा कवच है, ढाल है। संविधान है तो सुरक्षा है, संविधान है तो शक्ति है।"

उन्होंने संविधान को 90 प्रतिशत शोषित-वंचित जनता का सबसे बड़ा मददगार बताया और कहा कि पीडए वालों के लिए संविधान की रक्षा जनम-मरण का सवाल है। अंत में अखिलेश ने भावुक अपील की, "संविधान बचेगा तो न्याय बचेगा। न्याय बचेगा तो सबको बराबर मान-सम्मान और बराबर मौके मिलेंगे। भेदभाव मिटेगा, भेद का भाव मिटेगा। इसलिए आज फिर से संविधान बचाने के लिए एक और करो या मरो आंदोलन की जरूरत है।"

--आईएएनएस

एससीएच