सड़क निर्माण और मिस्ट स्प्रे सिस्टम से प्रदूषण पर दोहरा प्रहार: सीएम रेखा गुप्ता
नई दिल्ली, 30 दिसंबर (आईएएनएस)। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता का कहना है कि दिल्ली सरकार प्रदूषण नियंत्रण के लिए लगातार और एक साथ कई मोर्चों पर ठोस व प्रभावी कार्रवाई कर रही है। इसी कड़ी में निर्माण के लिए वर्षों से तरस रही राजधानी की सड़कों के दिन अब बहुरने वाले हैं।
सीएम ने कहा कि ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) हटते ही दिल्ली में लगभग 400 किलोमीटर लंबी सड़कों का निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा। इन सड़कों का निर्माण वॉल-टू-वॉल किया जाएगा, ताकि सड़क किनारों से धूल उड़ने की समस्या को जड़ से समाप्त किया जा सके। इसके साथ ही प्रदूषण पर प्रभावी नियंत्रण के लिए दिल्ली सरकार सड़कों के सेंट्रल वर्ज (मध्य विभाजक) पर मिस्ट स्प्रे सिस्टम लगातार स्थापित कर रही है, जिससे धूल के कणों को निष्प्रभावी किया जा सके। मुख्यमंत्री का कहना है कि प्रदूषण नियंत्रण के लिए दीर्घकालीन उपाय आवश्यक हैं।
दिल्ली सरकार के अनुसार प्रस्तावित 400 किलोमीटर सड़कों में से 300 किलोमीटर सड़कों के निर्माण के लिए केंद्र सरकार द्वारा बजट जारी किया जा चुका है, जबकि शेष 100 किलोमीटर सड़कों का निर्माण दिल्ली सरकार अपने संसाधनों से करेगी। इन सड़कों के निर्माण से न केवल यातायात व्यवस्था बेहतर होगी, बल्कि जर्जर और टूटी सड़कों से उड़ने वाली धूल में भी उल्लेखनीय कमी आएगी, जो दिल्ली के प्रदूषण का एक बड़ा कारण रही है।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने जानकारी दी कि सड़क निर्माण से जुड़ी टेंडर और अन्य सभी प्रक्रियाएं पहले ही पूरी कर ली गई हैं। ग्रेप हटते ही लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) युद्धस्तर पर काम शुरू करेगा और राजधानी के विभिन्न हिस्सों में एक साथ सड़क निर्माण गतिविधियां दिखाई देंगी। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के अनुसार, जिन सड़कों का निर्माण पांच वर्ष पूर्व किया गया था या जिनकी स्थिति अत्यंत खराब हो चुकी है, उन्हें प्राथमिकता के आधार पर पुनर्निर्मित किया जाएगा। इन सड़कों का निर्माण चालू वित्तीय वर्ष में पूरा किए जाने की संभावना है।
सड़क निर्माण के साथ-साथ दिल्ली सरकार धूल प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए मिस्ट स्प्रे सिस्टम के विस्तार पर भी लगातार काम कर रही है। पर्यावरण विभाग द्वारा जारी सरकारी आदेश के अनुसार, सड़कों के सेंट्रल वर्ज में स्थित विद्युत खंभों अथवा अन्य उपयुक्त खंभों पर मिस्ट स्प्रे सिस्टम लगाए जा रहे हैं। इन प्रणालियों के माध्यम से सूक्ष्म जल कणों का छिड़काव कर सड़क की धूल को दबाया जाता है, जो दिल्ली में पीएम10 और पीएम2.5 जैसे प्रदूषकों का एक प्रमुख स्रोत मानी जाती है। वर्तमान में राजधानी के सैकड़ों स्थानों पर करीब 340 मिस्ट स्प्रे सिस्टम कार्यरत हैं और चरणबद्ध तरीके से इनका दायरा और बढ़ाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के अनुसार मिस्ट स्प्रे सिस्टम का उपयोग उच्च प्रदूषण वाले क्षेत्रों और चिन्हित हॉटस्पॉट्स में प्राथमिकता के आधार पर किया जा रहा है। यह व्यवस्था मानसून अवधि को छोड़कर वर्ष भर संचालित रहेगी, जिससे धूल उड़ने की समस्या पर निरंतर नियंत्रण रखा जा सके। उन्होंने कहा कि इस प्रणाली की एक बड़ी विशेषता यह है कि इसके लिए सड़कों पर किसी प्रकार के अतिरिक्त निर्माण या अवसंरचना की आवश्यकता नहीं पड़ती, जिससे यह उपाय व्यावहारिक और प्रभावी सिद्ध हो रहा है।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि दिल्ली में प्रदूषण से निपटना केवल मौसमी या तात्कालिक कार्रवाई नहीं है, बल्कि इसके लिए फौरी उपायों के साथ-साथ दीर्घकालिक और संरचनात्मक सुधार भी आवश्यक हैं। बेहतर सड़कें, नियमित रखरखाव और धूल नियंत्रण की आधुनिक तकनीकें मिलकर ही राजधानी की वायु गुणवत्ता में स्थायी सुधार ला सकती हैं। मुख्यमंत्री के अनुसार, दिल्ली सरकार का स्पष्ट उद्देश्य विकास और पर्यावरण के बीच संतुलन बनाते हुए राजधानी के नागरिकों को स्वच्छ, सुरक्षित और बेहतर जीवन वातावरण उपलब्ध कराना है।
--आईएएनएस
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