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रूखी और बेजान त्वचा के लिए पपीता फायदेमंद, बनाए रखता है नमी और प्राकृतिक चमक

 

नई दिल्ली, 31 दिसंबर (आईएएनएस)। आज की तेज और तनावपूर्ण जिंदगी में प्रदूषण, धूप और गलत खानपान की वजह से हमारी त्वचा अक्सर रूखी और बेजान दिखती है। ऐसे में प्राकृतिक उपायों की ओर ध्यान देना बेहद जरूरी है। पपीता न सिर्फ स्वाद में मीठा और हल्का है, बल्कि इसके अंदर ऐसे गुण मौजूद हैं, जो त्वचा और स्वास्थ्य दोनों के लिए बेहद फायदेमंद हैं। आयुर्वेद और वैज्ञानिक शोध दोनों ही पपीते को त्वचा की नमी बनाए रखने और सेहत सुधारने में सहायक मानते हैं।

पपीता में भरपूर मात्रा में विटामिन ए, सी, और ई मौजूद होते हैं, जो त्वचा के लिए बेहद जरूरी हैं। विटामिन ए त्वचा की कोशिकाओं पर काम करता है और ऊतकों को मजबूत बनाता है। विटामिन सी प्राकृतिक रूप से त्वचा की नमी बनाए रखने में मदद करता है और उसे कोमल व चमकदार बनाता है।

वहीं, विटामिन ई त्वचा को सूखने और धूप से होने वाले नुकसान से बचाता है। इसके अलावा, पपीता में पेप्सिन और पपाइन एंजाइम्स भी पाए जाते हैं, जो त्वचा की मृत कोशिकाओं को हटाने में मदद करते हैं और उसे नया जीवन देने का काम करते हैं।

आयुर्वेद के अनुसार, पपीता का सेवन त्वचा को ठंडक और नमी देता है। इसके नियमित इस्तेमाल से त्वचा में कोमलता आती है और सूखापन दूर होता है। पपीता के सेवन से शरीर में जल तत्वों का संतुलन भी बना रहता है, जिससे त्वचा अंदर से हाइड्रेटेड रहती है। इसके साथ ही पपीते का लेप या पेस्ट त्वचा पर लगाने से भी रूखापन कम होता है और त्वचा मुलायम महसूस होती है।

वैज्ञानिक शोध में पाया गया है कि पपीते में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स त्वचा की नमी बनाए रखने में मदद करते हैं। ये एंटीऑक्सीडेंट्स मुक्त कणों से होने वाले नुकसान को रोकते हैं, जो त्वचा को समय से पहले बूढ़ा बनाते हैं।

पपीते में मौजूद फाइबर और एंजाइम पाचन तंत्र के लिए भी फायदेमंद हैं। पपीता कब्ज, पेट की सूजन और हाजमे की समस्या में राहत देता है। इसके अलावा, यह शरीर के इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है और सूजन को कम करने में मदद करता है।

त्वचा के अलावा पपीता हृदय स्वास्थ्य, आंखों की रोशनी और मधुमेह जैसी समस्याओं में भी मदद करता है। इसके सेवन से रक्त में शर्करा का स्तर नियंत्रित रहता है और हृदय मजबूत बनता है। पपीते में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स आंखों के स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी हैं और समय से पहले दृष्टि कमजोर होने से बचाते हैं।

--आईएएनएस

पीके/डीकेपी