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रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा की दूसरी वर्षगांठ, पीएम मोदी ने बताया, 'ये हमारी आस्था और संस्कारों का एक दिव्य उत्सव'

 

नई दिल्ली, 31 दिसंबर (आईएएनएस)। अयोध्या राम मंदिर स्थित रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा की दूसरी वर्षगांठ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ये वर्षगांठ हमारी आस्था और संस्कारों का एक दिव्य उत्सव है। भगवान श्री राम की असीम कृपा और आशीर्वाद से असंख्य रामभक्तों का पांच सदियों का संकल्प साकार हुआ है।

पीएम मोदी ने कहा कि आज रामलला अपने भव्य धाम में पुन: विराजित हैं और इस वर्ष अयोध्या की धर्म ध्वजा, रामलला की प्रतिष्ठा द्वादशी की साक्षी बन रही है। ये मेरा सौभाग्य है कि पिछले महीने मुझे इस ध्वजा की पुण्य स्थापना का मौका मिला।

इसके साथ ही उन्होंने राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा से जुड़ी कई तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर शेयर की।

पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ''अयोध्या जी की पावन धरा पर आज रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा की द्वितीय वर्षगांठ मनाई जा रही है। ये वर्षगांठ हमारी आस्था और संस्कारों का एक दिव्य उत्सव है। इस पावन-पुनीत अवसर पर देश-विदेश के सभी रामभक्तों की ओर से प्रभु श्री राम के चरणों में मेरा कोटि-कोटि नमन और वंदन। समस्त देशवासियों को मेरी अनंत शुभकामनाएं।''

दूसरे पोस्ट में उन्होंने लिखा, ''भगवान श्री राम की असीम कृपा और आशीर्वाद से असंख्य रामभक्तों का पांच सदियों का संकल्प साकार हुआ है। आज रामलला अपने भव्य धाम में पुन: विराजित हैं और इस वर्ष अयोध्या की धर्म ध्वजा, रामलला की प्रतिष्ठा द्वादशी की साक्षी बन रही है। ये मेरा सौभाग्य है कि पिछले महीने मुझे इस ध्वजा की पुण्य स्थापना का सुअवसर मिला।''

पीएम मोदी ने आगे लिखा, ''मेरी कामना है कि मर्यादा पुरुषोत्तम की प्रेरणा हर देशवासी के हृदय में सेवा, समर्पण और करुणा की भावना को और प्रगाढ़ करे, जो समृद्ध और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण का सशक्त आधार भी बने। जय सियाराम।''

वहीं, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ''जय श्री राम। आज ही की शुभ तिथि पर दो वर्ष पूर्व 500 वर्षों की प्रतीक्षा समाप्त हुई और मोदी जी ने श्री राम जन्मभूमि मंदिर में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा की। प्राण-प्रतिष्ठा की दूसरी वर्षगांठ की सभी को हार्दिक शुभकामनाएं।''

उन्होंने आगे लिखा, ''प्रभु श्रीराम के आदर्शों और जीवन मूल्यों की पुनर्स्थापना का प्रतीक यह मंदिर धर्म की रक्षा के लिए संघर्ष, सांस्कृतिक स्वाभिमान के लिए त्याग व विरासतों के संरक्षण के लिए बलिदान की अप्रतिम प्रेरणा बना रहेगा। इस पवित्र अवसर पर श्री राम जन्मभूमि आंदोलन के सभी बलिदानियों को नमन करता हूं।''

--आईएएनएस

एसके/एबीएम