रेप आरोपी पूर्व विधायक को जमानत मिलने पर विरोध, पीड़िता और मां को इंडिया गेट से हटाया गया; केजरीवाल ने सरकार को घेरा
रेप के एक गंभीर मामले में आरोपी पूर्व विधायक को दिल्ली हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद सियासी और सामाजिक हलकों में विवाद गहरा गया है। जमानत के विरोध में पीड़िता और उसकी मां ने न्याय की मांग को लेकर राजधानी दिल्ली स्थित इंडिया गेट पर धरना दिया, लेकिन पुलिस ने मौके पर पहुंचकर दोनों को वहां से हटा दिया। इस कार्रवाई के बाद मामला और तूल पकड़ गया है।
पीड़िता और उसकी मां का कहना था कि आरोपी प्रभावशाली व्यक्ति है और जमानत मिलने से उन्हें अपनी सुरक्षा को लेकर डर सता रहा है। दोनों ने आरोप लगाया कि उन्हें अपनी बात रखने और शांतिपूर्ण तरीके से विरोध दर्ज कराने तक की इजाजत नहीं दी गई। पुलिस द्वारा हटाए जाने के दौरान पीड़िता भावुक नजर आई, जिसका वीडियो और तस्वीरें सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही हैं।
इस पूरे घटनाक्रम पर दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए केंद्र सरकार और प्रशासन की निंदा करते हुए कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक पीड़िता, जो न्याय की गुहार लगा रही है, उसे सड़कों से हटाया जा रहा है, जबकि आरोपी को कानूनी राहत मिल रही है। केजरीवाल ने सवाल उठाया कि क्या देश में अब पीड़ितों की आवाज सुनने की कोई जगह नहीं बची है।
उन्होंने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा और न्याय की बातें सिर्फ भाषणों तक सीमित रह गई हैं। जब कोई पीड़िता हिम्मत करके सामने आती है, तो उसे ही दबाने की कोशिश की जाती है। केजरीवाल ने केंद्र सरकार से इस मामले में संवेदनशीलता दिखाने और पीड़िता को सुरक्षा व न्याय दिलाने की मांग की।
वहीं, पुलिस का कहना है कि इंडिया गेट क्षेत्र एक संवेदनशील और प्रतिबंधित इलाका है, जहां बिना अनुमति धरना-प्रदर्शन की इजाजत नहीं दी जा सकती। इसी वजह से पीड़िता और उसकी मां को वहां से हटाया गया। पुलिस ने यह भी दावा किया कि दोनों को किसी तरह की शारीरिक हानि नहीं पहुंचाई गई और उन्हें सुरक्षित स्थान पर भेजा गया।
इस घटना के बाद महिला अधिकार संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि न्यायिक प्रक्रिया पर सवाल उठाए बिना भी पीड़ितों को अपनी बात रखने का अधिकार मिलना चाहिए। जमानत मिलने के बाद पीड़िता का विरोध इस बात को दर्शाता है कि उसे अब भी न्याय की उम्मीद अधूरी लग रही है।
फिलहाल यह मामला राजनीतिक और सामाजिक बहस का विषय बन गया है। एक तरफ कानून के तहत जमानत का सवाल है, तो दूसरी तरफ पीड़िता की सुरक्षा, सम्मान और अभिव्यक्ति के अधिकार का मुद्दा। आने वाले दिनों में इस घटनाक्रम पर सरकार और न्यायिक व्यवस्था की भूमिका पर और सवाल उठना तय माना जा रहा है।