बच्चों को दिया जहर, पत्नी का घोंटा गला, फिर पंखे से लटककर दे दी जान… पलभर में खत्म हो गई 4 जिंदगियां
राजस्थान के उदयपुर से एक दर्दनाक और रौंगटे खड़े कर देने वाली घटना सामने आई है। हिरणमगरी थाना क्षेत्र के प्रभात नगर इलाके में एक व्यक्ति ने पहले अपनी पत्नी और दो मासूम बच्चों की बेरहमी से हत्या कर दी और फिर खुद फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। यह घटना शुक्रवार को सामने आई और पूरे इलाके में सनसनी फैल गई। पुलिस को घटनास्थल से एक सुसाइड नोट मिला है, जिसमें आर्थिक तंगी को इस भयावह कदम की वजह बताया गया है।
पूरा परिवार एक झटके में तबाह
जानकारी के अनुसार, मृतक की पहचान 40 वर्षीय दिलीप चितारा के रूप में हुई है, जो आंबाफला हाल प्रभातनगर सेक्टर-5 में अपनी पत्नी अलका (37 वर्ष), बेटा खुश (6 वर्ष) और मनवीर (4 वर्ष) के साथ किराए के मकान में रहते थे। दिलीप ने पहले दोनों बच्चों को किसी जहरीले पदार्थ का सेवन करवाया, फिर पत्नी का गला घोंटकर उसकी हत्या की और अंत में खुद को पंखे से लटकाकर आत्महत्या कर ली।
सन्न रह गई पुलिस
घटना की सूचना मिलते ही हिरणमगरी थाना पुलिस मौके पर पहुंची। मकान बंद होने के कारण पुलिस को दरवाजा तोड़ना पड़ा। अंदर का नजारा दिल दहला देने वाला था। एक ही कमरे में दिलीप का शव पंखे से लटका हुआ मिला, जबकि उसकी पत्नी और दोनों बच्चों के शव पास ही पड़े हुए थे। पुलिस ने तुरंत शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया और परिवारजनों को सूचना दी।
क्या लिखा था सुसाइड नोट में?
दिलीप ने सुसाइड नोट में लिखा कि वह लंबे समय से आर्थिक तंगी से जूझ रहा था। कोरोना काल के बाद उसकी आर्थिक स्थिति और भी बिगड़ती चली गई। उसने लिखा, "मैं बहुत परेशान हूं। अब कोई रास्ता नहीं बचा।" दिलीप हिरणमगरी इलाके में एक जनरल स्टोर चलाता था, जो किराए की दुकान थी। आर्थिक बोझ, दुकान की कमाई न होना और पारिवारिक जिम्मेदारियों का दबाव उसे मानसिक रूप से तोड़ चुका था।
मकान मालिक की सतर्कता से खुला मामला
शुक्रवार को दिनभर दिलीप के घर से कोई हलचल नहीं हुई। मकान मालिक रवि सचदेव को शक हुआ तो उन्होंने कई बार दरवाजा खटखटाया लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। शक गहराने पर उन्होंने पुलिस को फोन कर दिया। पुलिस के पहुंचने पर दरवाजा तोड़ा गया और भयावह सच्चाई सामने आई।
परिजनों का बयान
दिलीप के चाचा माणक चितारा ने बताया कि करीब 6 महीने पहले दिलीप ने कर्ज की बात की थी। परिवार ने उसे मकान बेचकर कर्ज चुकाने की सलाह दी थी। इसके बाद इस बारे में कोई बात नहीं हुई। हाल ही में जब चाचा की मुलाकात दिलीप से हुई तो उसने सामान्य व्यवहार किया और कर्ज का कोई जिक्र नहीं किया।