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पाकिस्तान: खैबर पख्तूनख्वा में लेडी डॉक्टर की अपहरण के बाद हत्या, ओपीडी सेवाएं ठप

 

एबटाबाद, 8 दिसंबर (आईएएनएस)। एबटाबाद की एक महिला चिकित्सक की अपहरण के बाद बेरहमी से हत्या ने खैबर पख्तूनख्वा में हंगामा मचा दिया है। गवर्नर फैसल करीम कुंडी ने प्रांतीय पुलिस चीफ से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है, तो वहीं डॉक्टरों ने काम ठप कर दिया है।

'हम' न्यूज वेबसाइट के अनुसार गवर्नर कुंडी ने कहा कि वह डीएचक्यू (जिला अस्पताल) हॉस्पिटल एबटाबाद की मेडिकल ऑफिसर डॉ. वरदा मुश्ताक की हत्या पर दुख जताते हुए कहा कि वह मेडिकल कम्युनिटी और पीड़ित परिवार के दुख में उनके साथ हैं।

पुलिस के मुताबिक, डॉ. वरदा को पिछले हफ्ते किडनैप किया गया था और बाद में उनकी हत्या कर दी गई। जांचकर्ताओं के अनुसार ये एक “खतरनाक और संगठित आपराधिक समूह” का कृत्य है। चौतरफा बवाल मचने के बाद दावा किया जा रहा है कि कथित तौर पर फिरौती के लिए किडनैपिंग, ड्रग तस्करी और कॉन्ट्रैक्ट किलिंग में ये अपराधी शामिल हैं। लापता होने की रिपोर्ट के तीन दिन बाद, एबटाबाद की थंडियानी पहाड़ियों की गहरी खाई से चिकित्सक का शव बरामद किया गया था।

डॉक्टर 5 नवंबर को लापता हो गई थी। आखिरी बार वो अपनी दोस्त रिदा के साथ डीएचक्यू अस्पताल से बाहर निकलते दिखी थीं। तीन दिन तक पुलिस गहन जांच में लगी रही लेकिन उसके हाथ कुछ लग नहीं पाया था।

पिता की शिकायत पर केस दर्ज किया गया।

पुलिस ने मुख्य संदिग्ध उसी साथी महिला चिकित्सक को बनाया है जिसके साथ वो अंतिम बार दिखी थी। डॉक्टर रिदा को उसके पति वहीद बिलाल के साथ गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस के मुताबिक ये दम्पति हत्या के लिए जिम्मेदार है।

दूसरी ओर सोशल डॉक्टर्स एसोसिएशन ने वरदा के लापता होने के बाद ही काम न करने का ऐलान कर दिया था और फिलहाल वो पुलिस की थ्योरी से भी संतुष्ट नहीं हो रहे हैं। उनका आरोप है कि चिकित्सक के लापता होने के तुरंत बाद अगर कार्रवाई की गई होती तो उनकी दर्दनाक मौत नहीं होती। केपी सरकार और पुलिस व्यवस्था को सब नाकाफी बता रहे हैं।

मीडिया आउटलेट 'डॉन' के मुताबिक इस घटना से चिकित्सक काफी नाराज हैं। प्रोविंशियल डॉक्टर्स एसोसिएशन (पीडीए) के आह्वान पर, डीएचक्यू एबटाबाद और डीएचक्यू हरिपुर में ओपीडी और ऑपरेशन थिएटर सोमवार को पूरी तरह बंद रहे।

पीडीए के पदाधिकारियों ने अस्पताल के बाहर विरोध प्रदर्शन रैली को संबोधित किया और एबटाबाद प्रशासन की “लापरवाही” की कड़ी आलोचना की गई और तुरंत गिरफ्तारी, एक ज्यूडिशियल कमीशन, और पीड़ित परिवार के लिए सरकारी मुआवजे के पैकेज की मांग की गई।

मंगलवार सुबह डीएचक्यू हॉस्पिटल हरिपुर में सिविल सोसाइटी की एक इमरजेंसी मीटिंग बुलाई गई है। पीडीए ने घोषणा की है कि जब तक सभी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, तब तक पूरे इलाके में ओपीडी सेवाएं बंद रहेंगी।

--आईएएनएस

केआर/