पाकिस्तान की वजह से ब्रिटेन में डिफेक्टिव पैदा हो रहे एक तिहाई बच्चे, फ़ार-राइट कार्यकर्ता की वायरल पोस्ट से मचा बवाल
लंदन — ब्रिटेन के फ़ार-राइट एक्टिविस्ट टॉमी रॉबिन्सन एक बार फिर विवादों में हैं। इस बार उन्होंने ब्रिटिश पाकिस्तानियों पर गंभीर आरोप लगाते हुए दावा किया कि यूके में होने वाले कुल जन्म दोषों में एक-तिहाई के लिए ये समुदाय ज़िम्मेदार है — और इसकी वजह उन्होंने "कज़िन मैरिज" यानी करीबी रिश्तेदारों के बीच विवाह को बताया। उनके इस बयान को लेकर सोशल मीडिया पर ज़बरदस्त विरोध देखा जा रहा है। कई यूज़र्स ने इसे “नस्लभेदी”, “इस्लामोफोबिक” और “घृणा फैलाने वाला” करार दिया है।
वायरल वीडियो में विवादित बयान
टॉमी रॉबिन्सन द्वारा साझा किए गए एक वीडियो में उन्होंने कहा:
“ब्रैडफोर्ड में 76% पाकिस्तानियों की शादी उनके फर्स्ट कज़िन्स से होती है… जबकि वे यूके की आबादी का महज 3% हैं, फिर भी 33% जन्म दोषों के पीछे उनका हाथ है।”
सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया
उनके वीडियो के तुरंत बाद, सोशल मीडिया पर कई यूज़र्स ने उन्हें आड़े हाथों लिया।
एक यूज़र ने X (पहले ट्विटर) पर लिखा:
“अगर यह सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़ी चिंता है, तो समाधान शिक्षा है, नफरत नहीं।”
एक अन्य ने कहा:
“यह सांख्यिकी को तोड़-मरोड़ कर नस्लीय नफ़रत फैलाने की कोशिश है। इसका मकसद सिर्फ एक समुदाय को बदनाम करना है।”
विरोध के प्रमुख कारण:
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डेटा का गलत इस्तेमाल: विशेषज्ञों और आलोचकों का कहना है कि रॉबिन्सन द्वारा प्रस्तुत आंकड़े संदिग्ध हैं और उन्होंने संपूर्ण पृष्ठभूमि को नजरअंदाज किया है। उदाहरण के लिए, कज़िन मैरिज की प्रथा केवल पाकिस्तानियों तक सीमित नहीं है; यह कई अन्य समुदायों और देशों में भी मौजूद है।
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इस्लाम को निशाना बनाना: आलोचकों का मानना है कि रॉबिन्सन जानबूझकर इसे "इस्लामिक परंपरा" कहकर मुस्लिम विरोधी एजेंडा चला रहे हैं, जबकि ऐसे विवाह सांस्कृतिक प्रथा का हिस्सा हैं, न कि किसी धर्म का आदेश।
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मानव गरिमा पर हमला: "Born retarded" जैसे शब्दों का इस्तेमाल करना न केवल पीड़ित बच्चों और उनके परिवारों की गरिमा को ठेस पहुंचाता है, बल्कि विकलांगता के प्रति भी असंवेदनशीलता दर्शाता है।
समुदायों की प्रतिक्रिया
ब्रिटिश मुस्लिम काउंसिल और अन्य सामाजिक संगठनों ने इस बयान की कड़ी निंदा की है। उन्होंने इसे ब्रिटिश पाकिस्तानियों और मुस्लिम समुदाय के खिलाफ घृणा फैलाने वाला “dog whistle” करार दिया।
एक प्रवक्ता ने कहा:
“हम मानते हैं कि स्वास्थ्य और आनुवंशिकी पर चर्चा होनी चाहिए, लेकिन एक संप्रदाय या नस्ल को निशाना बनाकर नहीं। यह न केवल जानकारी का दुरुपयोग है, बल्कि सामाजिक ताने-बाने को नुकसान पहुंचाने वाला है।”
वैज्ञानिक और चिकित्सा दृष्टिकोण क्या कहता है?
ब्रिटिश मेडिकल एसोसिएशन (BMA) और जेनिटिक एलायंस यूके जैसे संगठनों का कहना है कि करीबी रिश्तेदारों के बीच विवाह में कुछ मामलों में जन्म दोषों का खतरा ज़रूर बढ़ जाता है, लेकिन:
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यह हर मामले में सच नहीं होता;
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जोखिम को सही परामर्श और स्क्रीनिंग से कम किया जा सकता है;
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यह मुद्दा केवल पाकिस्तानियों तक सीमित नहीं है।
वे मानते हैं कि समुदायों में जागरूकता, स्वास्थ्य जांच और परामर्श का तरीका अपनाना चाहिए, न कि नस्लीय रूप से भेदभावपूर्ण प्रतिबंध।
क्या सरकार इस मुद्दे को देख रही है?
सरकार ने सीधे तौर पर रॉबिन्सन की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में इस विषय पर चर्चा होती रही है। कुछ स्वास्थ्य अधिकारियों ने स्वैच्छिक आनुवंशिक परामर्श को बढ़ावा देने की बात कही है। ब्रिटेन की राष्ट्रीय नीति में कज़िन मैरिज वैध है, जब तक कि दोनों पक्ष सहमति से और कानून के दायरे में विवाह करते हैं।
राजनीतिक विश्लेषण
रॉबिन्सन पहले भी मुस्लिम विरोधी बयानों के कारण चर्चा में रह चुके हैं। विश्लेषकों का कहना है कि यह बयान भी ब्रिटेन में बढ़ती नस्लीय ध्रुवीकरण और राजनीतिक लाभ के लिए डर और नफरत का इस्तेमाल करने का उदाहरण है। कुछ राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की बयानबाजी का उद्देश्य लोकसभा चुनावों या स्थानीय चुनावों के पहले ध्रुवीकरण को बढ़ावा देना हो सकता है।
स्वास्थ्य या हेट स्पीच?
यह पूरी घटना एक बड़ा सवाल खड़ा करती है:
क्या हम सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़ी जटिल सामाजिक-सांस्कृतिक समस्याओं को तथ्यों और विज्ञान से सुलझाएंगे या घृणा और नस्लवाद के चश्मे से?
समुदायों को ज़रूरत है:
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सच्ची और संपूर्ण जानकारी की
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संवेदनशील जागरूकता कार्यक्रमों की
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और सबसे ज़रूरी, सम्मानपूर्ण संवाद की
क्योंकि किसी समुदाय को उसकी संस्कृति या सामाजिक परंपराओं के कारण बदनाम करना समाज को विभाजित करता है, न कि कोई समाधान देता है।