×

एक शक और… लखनऊ पहुंचने से पहले बाल-बाल बच गई कोटा की लड़की, रजाक ने कर ली थी पूरी तैयारी

 

राजस्थान के कोटा से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक मुस्लिम युवक ने सोशल मीडिया के जरिए नाबालिग छात्रा से दोस्ती कर उसे बहला-फुसलाकर लखनऊ ले जाने की कोशिश की, लेकिन लड़की की सूझ-बूझ और टैक्सी ड्राइवर की मदद से युवक की साजिश नाकाम हो गई।

दोस्ती से अफेयर तक का सफर

लड़की की पहचान कोटा के कुन्हाड़ी थाना इलाके की निवासी नाबालिग छात्रा के रूप में हुई। युवक ने इंस्टाग्राम पर खुद को "आदि" नाम से पेश किया और हिंदू धर्म का दिखावा करते हुए दोस्ती की पहल की। लड़की कुछ दिनों की बातचीत के बाद उसकी बातों में आ गई और दोनों ने फोन नंबर एक्सचेंज किए। दोनों के बीच बातचीत का सिलसिला शुरू हुआ और जल्द ही अफेयर भी चलने लगा।

बहला-फुसलाकर लखनऊ ले जाने की कोशिश

11 जुलाई को आरोपी युवक रजाक ने नाबालिग छात्रा को बहला-फुसलाकर लखनऊ ले जाने का प्लान बनाया। इसके लिए उसने लखनऊ से टैक्सी बुक कर मंगवाई। रास्ते में युवक ने लड़की के मोबाइल फोन से सिम कार्ड निकालकर तोड़ दिया ताकि उसकी लोकेशन ट्रेस न हो सके।

लड़की को हुआ शक, मिली मदद

झांसी पहुंचते-पहुंचते लड़की को शक होने लगा। उसने टैक्सी ड्राइवर से चुपके से मदद मांगी, जिसने उसकी बात समझी और टैक्सी को झांसी थाना पहुंचा दिया। वहां पुलिस को सूचना दी गई, जिसने तुरंत कार्रवाई करते हुए युवक रजाक को गिरफ्तार कर लिया।

आरोपी की सच्चाई हुई बेनकाब

पुलिस ने बताया कि युवक की असली उम्र 25 वर्ष है, जबकि उसने इंस्टाग्राम पर खुद को 18 वर्ष बताया था। आरोपी ने नाबालिग छात्रा से दोस्ती कर उसकी भोली-भाली भावनाओं का फायदा उठाया और धर्म बदलकर अपना नाम आदि रख लिया था।

बाल कल्याण समिति की भूमिका

बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह ने बताया कि छात्रा को बाल कल्याण समिति के सामने पेश किया गया, जहां पुलिस ने उसका बयान दर्ज किया। इसके बाद छात्रा को उसके परिजनों को सौंप दिया गया है ताकि उसकी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

आरोपी को कोर्ट में पेश कर जेल भेजा गया

कोटा पुलिस ने आरोपी को अदालत में पेश किया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। पुलिस ने बताया कि पूरे मामले की जांच जारी है और ऐसे किसी भी मामले में सोशल मीडिया के दुरुपयोग पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

यह घटना एक बार फिर सोशल मीडिया के गलत उपयोग और नाबालिगों की सुरक्षा के सवाल को सामने लाती है। नाबालिगों को इस तरह के फरेब से बचाने के लिए अभिभावकों और समाज को भी जागरूक होना होगा। साथ ही, पुलिस प्रशासन की त्वरित और सटीक कार्रवाई ने इस मामले में न्याय दिलाने में अहम भूमिका निभाई है।

Ask ChatGPT