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नौसेना को मिली अत्याधुनिक मल्टी-रोल हेलीकॉप्टर्स की नई स्क्वाड्रन

 

नई दिल्ली, 17 दिसंबर (आईएएनएस)। भारतीय नौसेना के बेड़े में अत्याधुनिक एमएच-60आर मल्टी-रोल हेलीकॉप्टर की एक नई स्क्वाड्रन शामिल की गई है। अत्याधुनिक एमएच-60आर मल्टी-रोल हेलीकॉप्टर स्क्वाड्रन, ‘आईएनएएस 335’ को बुधवार को बेड़े में शामिल किया गया। आईएनएस हंसा, गोवा में औपचारिक रूप से इसकी कमीशनिंग की गई। इस गौरवपूर्ण अवसर पर नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी उपस्थित रहे। नौसेना के ये हेलीकॉप्टर पारंपरिक युद्ध में बेहद कुशल हैं।

नौसेना के ये हेलीकॉप्टर सामने आने वाली अन्य समुद्री चुनौतियों का सामना करने की भी जबरदस्त क्षमता रखते हैं। आधुनिक क्षमताओं से लैस एमएच-60आर हेलीकॉप्टर को विश्व के सबसे उन्नत नौसैनिक हेलीकॉप्टरों में गिना जाता है। इसमें लगे आधुनिक हथियार, उन्नत सेंसर और अत्याधुनिक एवियोनिक्स सिस्टम इसे एक बहुउद्देश्यीय और अत्यंत सक्षम प्लेटफॉर्म बनाते हैं।

भारतीय नौसेना प्रमुख ने इस कमीशनिंग के अवसर पर कहा कि पश्चिमी तट पर एमएच-60आर बहु-भूमिका वाले हेलीकॉप्टर की यह पहली ऑपरेशनल स्क्वाड्रन है। नौसेना में इसका शामिल होना नौसेना की क्षमता-वृद्धि में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2025 में फ्लीट एयर आर्म की स्थापना को 75 वर्ष पूरे हो जाएंगे, जिसने नौसैनिक उड्डयन को नई ऊंचाइयां दीं। साथ ही, उन्होंने 17-18 दिसंबर 1961 को प्रारंभ हुए ऑपरेशन विजय का उल्लेख करते हुए कहा कि गोवा मुक्ति में भी नौसैनिक उड्डयन की अहम भूमिका रही थी।

नौसेना प्रमुख ने कहा कि आज का समुद्री परिवेश अधिक जटिल और प्रतिस्पर्धात्मक हो गया है। बदलते भू-राजनीतिक समीकरणों, तेज तकनीकी प्रगति और ग्रे-जोन गतिविधियों के बीच समुद्री सुरक्षा और प्रतिरोधक क्षमता सुदृढ़ करना अनिवार्य है। उन्होंने प्रधानमंत्री के कथन को उद्धृत करते हुए कहा कि कठिन वैश्विक परिस्थितियों में भारत स्थिरता का ‘लाइटहाउस’ बनने को तत्पर है। उन्होंने कहा कि एमएच-60आर हेलिकॉप्टर अपने उन्नत सेंसर, एवियोनिक्स और हथियारों के साथ एंटी-सबमरीन वॉरफेयर, समुद्री प्रहार और खोज-बचाव मिशनों में त्वरित प्रतिक्रिया को सशक्त करेगा।

नौसेना प्रमुख ने बताया कि एमएच-60आर ने ऑपरेशन सिंदूर, ट्रॉपेक्स-25 और त्रि-सेवा अभ्यास 2025 में अपनी क्षमता सिद्ध की है। आईएनएएस 335 ‘ओस्प्रे’ पहले दिन से ही फ्लीट के साथ तैनाती के लिए पूर्णत तैयार है। नौसेना प्रमुख ने आत्मनिर्भर भारत के तहत स्वदेशी हथियारों और सेंसरों के एकीकरण, भारतीय डेटा-लिंक्स, सॉफ्टवेयर-डिफाइंड रेडियो, डेप्थ चार्ज तथा भविष्य में मिसाइलों के स्वदेशीकरण पर जोर दिया।

बता दें कि एमएच-60आर हेलीकॉप्टर पहले ही नौसेना के फ्लीट ऑपरेशन्स में पूर्ण रूप से एकीकृत हो चुका है। एमएच-60आर हेलीकॉप्टर ने विभिन्न नौसैनिक अभियानों में अपनी विश्वसनीयता और प्रभावशीलता साबित की है। अब इसकी यह स्क्वाड्रन नौसेना को पनडुब्बी रोधी युद्ध, सतह युद्ध, निगरानी एवं टोही व खोज एवं बचाव अभियानों में उल्लेखनीय मजबूती देगी। आईएनएएस 335 की कमीशनिंग के साथ ही भारतीय नौसेना की इंटीग्रल एविएशन क्षमताओं को एक महत्वपूर्ण बढ़त प्राप्त हुई है। यह स्क्वाड्रन समुद्री सीमाओं की सुरक्षा, हिंद महासागर क्षेत्र में स्थिरता तथा भारत के समुद्री हितों की रक्षा में अहम भूमिका निभाएगी।

--आईएएनएस

जीसीबी/डीकेपी