मुंबई में फर्जी 'कॉल सेंटर का भंडाफोड़, अमेरिकी नागरिकों को बेचते थे नकली 'वियाग्रा'
मुंबई, 5 दिसंबर (आईएएनएस)। मुंबई क्राइम ब्रांच की यूनिट-9 ने एक बड़े अंतरराष्ट्रीय ठगी रैकेट का पर्दाफाश करते हुए अंबोली इलाके में चल रहे एक फर्जी कॉल सेंटर पर छापा मारा। इसके जरिए विदेशी नागरिकों (खासकर अमेरिका के लोगों) को नकली वियाग्रा और अन्य दवाएं बेचकर ठगा जा रहा था। पुलिस ने इस मामले में 8 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि मुख्य आरोपी समेत दो लोग अभी फरार हैं।
गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान मोहम्मद आमिर इकबाल शेख (40), माहिर इकबाल पटेल (26), मोहम्मद शबीब मोहम्मद खलील शेख (26), मोहम्मद अयाज परवेज शेख (26), आदम एहसानुल्लाह शेख (32), आर्यन मुशफ्फिर कुरैशी (19), अमान अजीज अहमद शेख (19) और हश्मत जामिल जरीवाला (29) के रूप में हुई है। वहीं मुख्य आरोपी मुजफ्फर शेख (43) अपने साथी आमिर मणियार और अन्य के साथ फरार है। क्राइम ब्रांच की टीमें उनकी तलाश में जुटी हैं।
सभी आठ गिरफ्तार आरोपियों को शुक्रवार को कोर्ट में पेश किया गया, जहां कोर्ट ने उन्हें 10 दिसंबर तक पुलिस कस्टडी में भेज दिया है ताकि मामले की गहराई से जांच की जा सके।
क्राइम ब्रांच को सूचना मिली थी कि 'टीम ग्रैंड 9 सिक्योरिटी सर्विसेज एलएलपी' नाम से केवनीपाड़ा, एसवी रोड, अंबोली, जोगेश्वरी (वेस्ट) में एक कॉल सेंटर चल रहा है। यहां के कर्मचारी अमेरिकी लहजे में बात करके खुद को वहां की दवा कंपनियों का प्रतिनिधि बताते थे और विदेशी नागरिकों को टेलीमार्केटिंग के जरिए संपर्क कर नकली दवाएं बेचकर ठगी करते थे।
सूचना मिलते ही क्राइम ब्रांच की टीम ने छापा मारा और मौके से कई लैपटॉप, हेडसेट, पेन ड्राइव, हार्ड डिस्क और अन्य डिजिटल उपकरण जब्त किए। पुलिस को शक है कि इस कॉल सेंटर में अमेरिकी नागरिकों का निजी डेटा भी अवैध तरीके से प्राप्त किया गया था। शुरुआती जांच में यह भी सामने आया है कि कॉल सेंटर पिछले छह से सात महीनों से सक्रिय था और बड़ी संख्या में विदेशी नागरिकों को निशाना बना रहा था।
अधिकारियों के अनुसार, जब्त सभी डिजिटल उपकरणों की विस्तृत फॉरेंसिक जांच की जाएगी ताकि यह पता लगाया जा सके कि अब तक कितने लोगों को ठगा गया, कितना वित्तीय नुकसान पहुंचाया गया और डाटा चोरी की कितनी बड़ी वारदात को अंजाम दिया गया।
क्राइम ब्रांच का कहना है कि फरार आरोपियों को जल्द पकड़ने के लिए कई टीमें अलग-अलग जगहों पर दबिश दे रही हैं। पुलिस यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या इस गिरोह के अन्य राज्यों या देशों में भी नेटवर्क जुड़े हुए हैं।
--आईएएनएस
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