मुंबई: फर्जी नीट रिजल्ट के सहारे जेजे अस्पताल हॉस्टल में घुसपैठ, आरोपी गिरफ्तार
मुंबई, 16 दिसंबर (आईएएनएस)। मुंबई पुलिस ने फर्जी परीक्षा दस्तावेजों के जरिए सर जेजे अस्पताल के ओल्ड बॉयज हॉस्टल में अवैध रूप से रहने के मामले में 21 वर्षीय युवक को गिरफ्तार किया है। आरोपी ने खुद को प्रथम वर्ष का एमबीबीएस छात्र बताकर हॉस्टल में दाखिला लिया था।
मुंबई पुलिस के अनुसार, आरोपी की पहचान फैसल अमीरुद्दीन शेख (21) के रूप में हुई है। वह उत्तर प्रदेश का रहने वाला है और पिछले करीब एक महीने से जेजे अस्पताल के ओल्ड बॉयज हॉस्टल में रह रहा था। उसने दाखिले के लिए फर्जी नीट रिजल्ट सहित जाली दस्तावेज जमा किए थे।
मुंबई पुलिस ने बताया कि फैसल ने नीट परीक्षा में वास्तव में 90 अंक प्राप्त किए थे, लेकिन उसने 514 अंक दर्शाते हुए एक फर्जी परिणाम तैयार किया ताकि एमबीबीएस में दाखिले की पात्रता साबित की जा सके।
एफआईआर के मुताबिक, शिकायतकर्ता रेवत तुकाराम कनिंदे (37) हैं, जो सर जेजे अस्पताल के ओल्ड बॉयज हॉस्टल में मेडिकल ऑफिसर और वार्डन के पद पर कार्यरत हैं। वह पिछले सात वर्षों से यहां तैनात हैं। यह हॉस्टल प्रथम वर्ष के एमबीबीएस छात्रों के लिए आरक्षित है।
12 दिसंबर 2025 को सुबह करीब 10:30 बजे, नियमित हॉस्टल निरीक्षण के दौरान वार्डन ने दूसरी मंजिल के कमरा नंबर 144 की जांच की। इस दौरान यह सामने आया कि फैसल कॉलेज नहीं जा रहा था। पूछताछ पर फैसल ने दावा किया कि उसका दाखिला आरएमएल कॉलेज, लखनऊ में अपग्रेड हो गया है और वह जल्द ही वहां शिफ्ट हो जाएगा। जब उससे दस्तावेज मांगे गए तो उसने कहा कि कागजात उसके पिता के पास हैं।
इसके बाद वार्डन ने उसे अपने पिता को फोन करने को कहा। फोन पर बात करने वाले व्यक्ति ने पहले यह कह दिया कि उसका कोई बेटा नहीं है, जिससे संदेह और गहरा गया। बाद में दोबारा बातचीत में उसी व्यक्ति ने स्पष्ट किया कि उसका बेटा फैसल शेख है, लेकिन उसे किसी भी कॉलेज में कोई अपग्रेडेशन नहीं मिला है। इसके बाद कॉलेज प्रशासन से की गई जांच में यह पुष्टि हुई कि फैसल को कोई रोल नंबर आवंटित नहीं किया गया था और वह मेडिकल कॉलेज का पंजीकृत छात्र नहीं है। हॉस्टल एडमिशन फॉर्म की जांच में भी यह सामने आया कि फैसल द्वारा जमा किए गए सभी दस्तावेज जाली थे।
मुंबई पुलिस के अनुसार, फैकल्टी और प्रशासन द्वारा की गई पूछताछ में फैसल ने अपना जुर्म कबूल कर लिया। उसने बताया कि उसने अपने माता-पिता से झूठ बोला था और यह दावा किया था कि उसे सर जेजे अस्पताल में प्रथम वर्ष एमबीबीएस में दाखिला मिल गया है। इसी झूठ को बनाए रखने के लिए उसने फर्जी दस्तावेज तैयार किए और हॉस्टल में प्रवेश पा लिया।
--आईएएनएस
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