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मुख्यमंत्री योगी ने बांग्लोदश की घटना पर विपक्ष के मौन होने पर किया करारा प्रहार

 

लखनऊ, 24 दिसंबर (आईएएनएस)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में अंतरराष्ट्रीय मुद्दे पर बोलते हुए विपक्ष को जमकर घेरा।

मुख्यमंत्री ने बांग्लादेश में हुई घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि वहां एक दलित हिंदू युवक की हत्या हुई है, लेकिन विपक्ष चुप्पी साधे हुए है। उन्होंने कहा कि जो दल गाजा जैसे मुद्दों पर प्रदर्शन और कैंडल मार्च निकालते हैं, वही बांग्लादेश या पाकिस्तान में हिंदुओं और सिखों पर हो रहे अत्याचार पर मौन धारण कर लेते हैं। मुख्यमंत्री ने इसे तुष्टिकरण की राजनीति का परिणाम बताया और कहा कि किसी निर्दोष हिंदू या दलित पर अत्याचार स्वीकार्य नहीं हो सकता।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बांग्लादेश में एक दलित हिंदू नौजवान की हत्या कर दी गई, लेकिन विपक्ष के मुंह से एक शब्द नहीं निकला। जबकि यही लोग गाजा पट्टी के मुद्दे पर आंसू बहाते हैं। उस नौजवान की हत्या पर आपकी जुबानें सिल गईं, क्योंकि आप दलित समाज को केवल वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल करते हैं। यह आपकी तुष्टिकरण की नीति की सच्चाई को दिखाता है।

सीएम योगी ने कहा कि अगर बांग्लादेश और पाकिस्तान नहीं बने होते, तो इस तरह से हिंदुओं को नहीं जलाया जाता। अगर कोई ऐसा करता, तो उसकी क्या दुर्गति होती, यह सभी जानते हैं। यह हमारी सुरक्षा की गारंटी है। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में हिंदू मारे जा रहे हैं और आप लोग कुछ नहीं बोलते, लेकिन गाजा के मुद्दे पर कैंडल मार्च निकालते हैं। पाकिस्तान और बांग्लादेश में हिंदू मारे जाते हैं, तो आपके मुंह बंद हो जाते हैं। यही आपकी सच्चाई है।

उन्होंने यह भी कहा कि बांग्लादेश की घटना को लेकर निंदा प्रस्ताव पारित होना चाहिए और यह प्रस्ताव नेता प्रतिपक्ष की ओर से आना चाहिए। हम इस घटना की निंदा करते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब हम प्रदेश से बांग्लादेशियों और रोहिंग्याओं को बाहर का रास्ता दिखाएंगे, तो उनके समर्थन में आप लोग खड़े न हों, क्योंकि उनमें से बहुत से लोगों के वोट आपने बनवाए हैं।

सीएम योगी ने कहा कि आप लोगों ने कई लोगों के आधार कार्ड भी बनवाने का पाप किया है। इन सभी बातों को ध्यान में रखा जाएगा। एक-एक चीज की जांच होगी और सख्त कार्रवाई की जाएगी। हमारे ही देश में रहकर हमारे लोगों के खिलाफ अपराध करना और बाहर निर्दोष हिंदुओं व सिखों पर अत्याचार करना किसी भी हालत में स्वीकार्य नहीं है।

--आईएएनएस

एएमटी/डीकेपी