मनरेगा में करोड़ों मजदूरों को मिले काम के अधिकार की हम रक्षा करेंगे: प्रियंका गांधी वाड्रा
नई दिल्ली, 27 दिसंबर (आईएएनएस)। कांग्रेस ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) का नाम बदलकर 'वीबी-जी राम जी' किए जाने पर केंद्र सरकार के खिलाफ राजनीतिक संघर्ष छेड़ने का ऐलान किया है। कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने जानकारी देते हुए कहा कि हम मजदूरों को मिले काम के अधिकार की हर स्थिति में रक्षा करेंगे।
कांग्रेस सांसद ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि शनिवार को कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में हमने यह शपथ ली कि मनरेगा योजना को केंद्र में रखकर देश में एक बड़ा आंदोलन किया जाएगा। हम शपथ लेते हैं कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी 5 जनवरी से 'मनरेगा बचाओ अभियान' शुरू करेगी। मनरेगा करोड़ों ग्रामीणों और मजदूरों को संविधान के जरिये मिला काम का अधिकार है और हम हर हाल में इसकी रक्षा करेंगे। जय संविधान, जय हिंद! इस दौरान उन्होंने एक्स पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की एक वीडियो शेयर की, जिसमें वो पार्टी द्वारा उठाए गए इस कदम की जानकारी दे रहे हैं।
बता दें कि शनिवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हुई कांग्रेस वर्किंग कमेटी (सीडब्ल्यूसी) की अहम बैठक के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने स्पष्ट किया कि पार्टी इस फैसले के विरोध में सड़कों से लेकर संसद तक आंदोलन करेगी।
बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 'गांधी' सरनेम से दिक्कत है। यही वजह है कि मनरेगा से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का नाम हटाने की कोशिश की जा रही है।
उन्होंने आरोप लगाया कि यह केवल एक नाम बदलने का मामला नहीं है, बल्कि मजदूरों के अधिकार को कमजोर कर उसे खैरात योजना में बदलने की साजिश है।
खड़गे ने ऐलान किया कि 5 जनवरी से देशभर में 'मनरेगा बचाओ अभियान' की शुरुआत की जाएगी। मनरेगा किसी सरकार की दया से मिलने वाली योजना नहीं, बल्कि भारतीय संविधान से मिला काम का अधिकार है। यह योजना ग्रामीण मजदूरों के सम्मान, रोजगार और आत्मनिर्भरता से जुड़ी है।
उन्होंने कहा कि दलितों, आदिवासियों, वंचित वर्गों और महिलाओं को गांवों में रोजगार देकर मनरेगा ने बड़े पैमाने पर पलायन रोका है, लेकिन मौजूदा सरकार गरीबों का यह हक छीनने का प्रयास कर रही है।
खड़गे ने याद दिलाया कि खुद मोदी सरकार ने नीति आयोग की रिपोर्ट में स्वीकार किया था कि मनरेगा एक अच्छी योजना है और इसके तहत टिकाऊ परिसंपत्तियों (ड्यूरेबल असेट्स) का निर्माण हुआ है। उन्होंने कहा कि नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की रिपोर्टों में भी मनरेगा की उपयोगिता को स्वीकार किया गया है। इसके बावजूद सरकार इस कानून को कमजोर करने और नाम बदलने पर आमादा है।
--आईएएनएस
एमएस/डीएससी