माइक्रोफाइनेंस कंपनियों से त्रस्त है राज्य की गरीब जनता, सरकार नहीं लगा रही लगाम: राजेश राम
पटना, 17 दिसंबर (आईएएनएस)। बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के सकरा में नवलपुर मिश्रवलिया ग्राम निवासी अमरजीत पासवान और उनकी तीन बच्चियों के आत्महत्या का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। बिहार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम ने घटनास्थल का दौरा करने के बाद बुधवार को राज्य सरकार से पीड़ित परिवार के लिए न्याय की मांग की। उन्होंने दोषी माइक्रो फाइनेंस बैंक को चिह्नित कर कार्रवाई करने का आग्रह भी किया।
बिहार कांग्रेस प्रदेश कार्यालय में बुधवार को एक प्रेस वार्ता में उन्होंने कहा कि भूख, कर्ज और तंगी के हालात में फांसी लगाकर अपने और परिजनों के लिए मौत स्वीकारने वाले पिता की स्थिति के लिए जिम्मेदार राज्य की सरकार है, जो गरीब और पिछड़े वर्ग को सम्मानजनक जीवन जीने की भी गारंटी नहीं दे सकती है।
उन्होंने कहा कि हृदयविदारक घटना, जिसमें चार लोगों की दर्दनाक मृत्यु हो गई, वह हमें सोचने को विवश करती है कि क्या राज्य में कानून नाम की कोई चीज नहीं है, जो गरीब और पीड़ित न्याय मांगने की जगह मौत को चुनना पसंद कर रहे हैं?
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि माइक्रोफाइनेंस बैंकों के कारण लगातार सूबे में अप्रिय घटनाएं घट रही हैं और सरकार इस पर लगाम लगाने में असफल है। यह घटना केवल एक परिवार की त्रासदी नहीं, बल्कि आसपास के कई गांवों के लोग ऐसे कर्ज के कारण घर को छोड़कर पलायन करने को मजबूर हैं। उन्होंने इस क्रम में कई घटनाओं का जिक्र किया।
उन्होंने माइक्रोफाइनेंस कंपनी और बैंक के खिलाफ बिहार कांग्रेस द्वारा बड़ा जनांदोलन करने की घोषणा करते हुए इसके लिए सरकार से सख्त कानून बनाने और लोन रिकवरी के नाम पर गुंडागर्दी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की।
प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम ने राज्य सरकार से मांग की है कि पीड़ित परिवार को अविलंब समुचित मुआवजा दिया जाए और जीवित बचे बच्चों की शिक्षा और पालन-पोषण की पूरी जिम्मेदारी सरकार उठाए, तथा माइक्रोफाइनेंस कंपनियों के कर्ज और उनकी कार्यप्रणाली की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए।
मुजफ्फरपुर जिले के सकरा थाना क्षेत्र में एक पिता ने अपनी तीन बेटियों के साथ गले में फंदा लगाकर मौत को गले लगा लिया। बताया गया कि परिवार की आर्थिक स्थिति खराब थी।
--आईएएनएस
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