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मध्य प्रदेश में डेयरी टेक्नोलॉजी बनेगा पाठ्यक्रम का हिस्सा: सीएम मोहन यादव

 

भोपाल, 30 दिसंबर (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश की सरकार दुग्ध उत्पादन को बढ़ाने के लिए लगातार प्रयासरत है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा है कि राज्य के किसानों की आय बढ़ाने में दुग्ध उत्पादन सहायक है। वहीं औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में डेयरी टेक्नोलॉजी को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जाएगा।

मध्य प्रदेश स्टेट को-ऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन तथा राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के मध्य हुए एग्रीमेंट के अंतर्गत गठित राज्य स्तरीय संचालन समिति की बैठक में मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि प्रदेश के दुग्ध उत्पादन को औद्योगिक गतिविधियों के विस्तार का भी आधार बनाया जाए। दुग्ध उत्पादन और उसकी प्रोसेसिंग व मार्केटिंग में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं। इसके साथ ही दुग्ध उत्पादन कृषकों की आय बढ़ाने में भी प्रभावी रूप से सहायक है। सभी जिलों में समन्वित रूप से गतिविधियों संचालित करते हुए सांची ब्राण्ड का अधिक से अधिक विस्तार किया जाए। सांची प्रोडेक्ट्स की ब्रांडिंग में गोवंश और गोपाल को शामिल किया जाए।

सीएम मोहन यादव ने कहा कि किसानों की आय बढ़ाने में दुग्ध उत्पादन की महत्वपूर्ण भूमिका को देखते हुए दुग्ध उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए किसानों की दक्षता और क्षमता बढ़ाने के उद्देश्य से ग्राम स्तर तक गतिविधियां संचालित की जाएं। यह सुनिश्चित करना भी आवश्यक है कि दुग्ध संकलन व्यवस्था की मजबूत निगरानी हो। दूध खरीदी की कीमतें उत्पादकों के लिए लाभप्रद हों और खरीदी व्यवस्था में पारदर्शिता सुनिश्चित हो तथा दुग्ध उत्पादकों को उनका भुगतान नियमित रूप से समय-सीमा में प्राप्त हो।

उन्‍होंने कहा कि प्रदेश में पीपीपी मोड पर निजी भागीदारी और डेयरी सहकारी समितियों के समन्वय से दुग्ध उत्पादन गतिविधियों का विस्तार किया जाए। इससे पूरे प्रदेश में उद्यमशीलता को प्रोत्साहन प्रदान करने, किसानों की आय बढ़ाने और प्रदेश की अर्थव्यवस्था को गति देने में मदद मिलेगी। प्रदेश की औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में डेयरी टेक्नोलॉजी पर केंद्रित प्रशिक्षण और पाठ्यक्रम आरंभ किए जाएं। इससे डेयरी प्लांट संचालन में मदद मिलेगी और युवाओं को स्थानीय स्तर पर रोजगार भी उपलब्ध होगा।

मुख्यमंत्री यादव की अध्यक्षता में हुई बैठक में बताया गया कि राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड द्वारा कार्यभार ग्रहण करने के पश्चात सांची ब्रांड के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ा है तथा सांची डेयरी शुरू करने की मांग कई स्थानों से आ रही है। दुग्ध उत्पादकों को दूध मूल्य के नियमित एवं समय पर भुगतान के लिए 10 दिन का रोस्टर तय किया गया है। दुग्ध संघों द्वारा दूध खरीदी मूल्यों में 2 रुपए 50 पैसे से 8 रुपए 50 पैसे प्रति लीटर की वृद्धि की गई है। अब तक 1241 नई दुग्ध सहकारी समितियों का गठन किया गया है तथा 635 निष्क्रिय दुग्ध समितियों को क्रियाशील बनाया गया है। सम्पूर्ण डेयरी वेल्यू चैन का डिजीटाईजेशन करने के लिए भोपाल, ग्वालियर, उज्जैन, बुंदेलखंड तथा जबलपुर दुग्ध संघों में सॉफ्टवेयर क्रियान्वित किया गया है। दुग्ध संकलन के लिए इंदौर दुग्ध संघ से मोबाइल ऐप की व्यवस्था लागू की गई है। जिससे दूध की मात्रा, गुणवत्ता और मूल्य की जानकारी तत्काल प्राप्त होती है।

--आईएएनएस

एसएनपी/एएसएच