भोपाल को मिली मेट्रो रेल सेवा की सौगात, केंद्रीय मंत्री खट्टर और सीएम मोहन यादव ने दिखाई हरी झंडी
भोपाल, 20 दिसंबर (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के निवासियों को शनिवार को बड़ी सौगात मिली। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने हरी झंडी दिखाकर मेट्रो रेल को रवाना किया। उसके बाद उन्होंने मेट्रो रेल की सवारी भी की।
राजधानी भोपाल और व्यापारिक नगरी इंदौर दो ऐसे महानगर हैं, जहां के लोगों को बेहतर आवागमन की सुविधा मुहैया कराने के लिए मेट्रो रेल सेवा को तेज गति दी गई। भोपाल में तो केंद्रीय शहरी कार्य मंत्री खट्टर ने मेट्रो रेल सेवा की शनिवार को विधिवत शुरुआत कर दी।
उसके बाद केंद्रीय मंत्री खट्टर और मुख्यमंत्री यादव ने मेट्रो रेल की सवारी की। उनके साथ राज्य सरकार के कई मंत्री भी शामिल रहे। भोपाल मेट्रो 30.8 किलोमीटर लंबी परियोजना भोपाल के शहरी क्षेत्र को आसान, तेज और पर्यावरण के अनुकूल बनाएगी।
परियोजना में दो कॉरीडोर लाइन और एक डिपो है। भोपाल मेट्रो की ऑरेंज लाइन 16.74 किलोमीटर और ब्लू लाइन 14.16 किलोमीटर की है। यह परियोजना शहर के प्रमुख व्यावसायिक और आवासीय क्षेत्रों को जोड़ते हुए यातायात के दबाव को कम करेगी और नागरिकों के जीवन स्तर को उन्नत बनाएगी।
भोपाल मेट्रो आधुनिक परिवहन प्रणाली के साथ ही शहर की प्रगति का प्रतीक है। स्मार्ट, सुरक्षित और पर्यावरण अनुकूल यात्रा को बढ़ावा देते हुए यह परियोजना आवाजाही को आसान बनाएगी।
भोपाल मेट्रो के पहले चरण में ऑरेंज लाइन प्रायोरिटी कॉरीडोर का शुभारंभ किया गया। यह खंड लगभग 7 किलोमीटर का है और उसमें 8 एलिवेटेड स्टेशन शामिल हैं। ये स्टेशन एम्स, अलकापुरी, डीआरएम ऑफिस, रानी कमलापति स्टेशन, एमपी नगर, बोर्ड ऑफिस चौराहा, केन्द्रीय विद्यालय एवं सुभाष नगर हैं।
यह कॉरिडोर शहर के व्यस्त मार्गों पर सुगम यातायात उपलब्ध कराएगा और प्रदूषण को कम करने में सहायता प्रदान करेगा। मेट्रो का यह कॉरिडोर नागरिकों की यात्रा को सरल और आसान बनाएगा।
भोपाल मेट्रो की अनुमानित लागत 10 हजार 33 करोड़ रूपए है। इसमें प्रायोरिटी कॉरीडोर की लागत 2 हजार 225 करोड़ रूपए है। प्रायोरिटी कॉरीडोर की लंबाई 7 किलोमीटर है और इस कॉरीडोर में प्रतिदिन 3 हजार लोगों के यात्रा करने का अनुमान है।
--आईएएनएस
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