खाड़ी देशों में फिल्म ‘धुरंधर’ पर रोक, नेताओं ने कहा- सच्चाई स्वीकार करना आसान नहीं
नई दिल्ली, 13 दिसंबर (आईएएनएस)। कई खाड़ी देशों में फिल्म 'धुरंधर' पर लगाए गए बैन को लेकर देश में राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। इस मुद्दे पर भाजपा सांसद कमलजीत सहरावत ने कहा कि उन्होंने स्वयं यह फिल्म नहीं देखी है, लेकिन इसके रिव्यू जरूर पढ़े हैं। उन्होंने कहा कि फिल्म की कहानी और प्रस्तुति को लेकर लोगों की प्रतिक्रियाएं काफी सकारात्मक हैं।
उन्होंने कहा कि उन्हें यह समझ में नहीं आता कि किसी देश को इस फिल्म से क्या आपत्ति हो सकती है, क्योंकि भारतीय दर्शकों के बीच यह फिल्म काफी पसंद की जा रही है। सांसद ने यह भी कहा कि फिल्म की स्क्रिप्ट में वही सच्चाई दिखाई गई है, जिसे भारतीयों ने अपने अनुभवों के जरिए भोगा है, और यही वजह है कि यह फिल्म देश में सराहना बटोर रही है।
वहीं, भाजपा सांसद योगेंद्र चंदोलिया ने भी खाड़ी देशों में फिल्म पर बैन को लेकर कहा कि उन्होंने भी फिल्म नहीं देखी है, लेकिन इसके बारे में काफी चर्चाएं सुनी हैं। चंदोलिया ने कहा कि पाकिस्तान जिस तरह से भारत के खिलाफ लगातार नापाक हरकतें करता रहा है, फिल्म में उससे जुड़े कुछ दृश्य दिखाए गए हैं।
उन्होंने कहा कि इस वजह से इस्लामिक देशों द्वारा इस फिल्म को बैन किया जाना आश्चर्यजनक नहीं है, क्योंकि सच्चाई को स्वीकार करना आसान नहीं होता। उन्होंने कहा कि इस बैन का संदेश दूर तक जाएगा और विपक्षी दलों को भी समझना चाहिए, जो पाकिस्तान के समर्थन में बयानबाजी करते रहते हैं। उनके अनुसार किसी फिल्म को बैन करना यह दर्शाता है कि संबंधित देशों की भारत के प्रति दुर्भावना है।
इस बीच, उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से जमीयत हिमायतुल इस्लाम के अध्यक्ष मौलाना कारी अबरार जमाल ने भी इस पूरे मामले पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि जो देश आतंकवादियों को संरक्षण देते हैं और उन्हें पनाह देते हैं, अगर ऐसे देशों का पर्दाफाश किसी फिल्म के माध्यम से हो रहा है और उनकी धोखेबाजी तथा आतंकवादी गतिविधियां सामने आ रही हैं, तो इसमें कुछ भी गलत नहीं है।
मौलाना ने कहा कि अगर फिल्म धुरंधर के जरिए पाकिस्तान का सच उजागर हुआ है, तो यह निश्चित रूप से एक अच्छी बात है। हालांकि, मौलाना कारी अबरार जमाल ने यह भी स्पष्ट किया कि किसी भी धर्म के खिलाफ फिल्म बनाना पूरी तरह गलत है।
--आईएएनएस
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