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इंदौर-मुंबई में रुचि ग्रुप के बैंक धोखाधड़ी मामले में ईडी की बड़ी कार्रवाई : कई स्थानों पर छापेमारी, 23 लाख नकद जब्त

 

मुंबई, 25 दिसंबर (आईएएनएस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के इंदौर सब-जोनल ऑफिस ने 23 दिसंबर 2025 को इंदौर और मुंबई में कई स्थानों पर एक साथ तलाशी अभियान चलाया। यह कार्रवाई प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए), 2002 के तहत की गई, जो रुचि ग्रुप से जुड़े बड़े बैंक धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों की जांच से संबंधित है।

ईडी ने सीबीआई, भोपाल द्वारा दर्ज कई एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की थी। इन एफआईआर में रुचि ग्रुप की प्रमुख कंपनियों, रुचि ग्लोबल लिमिटेड (अब एग्रोट्रेड एंटरप्राइजेज लिमिटेड), रुचि एक्रोनी इंडस्ट्रीज लिमिटेड (अब स्टीलटेक रिसोर्सेज लिमिटेड) और आरएसएएल स्टील प्राइवेट लिमिटेड (अब एलजीबी स्टील प्राइवेट लिमिटेड), को नामजद किया गया है। ये कंपनियां स्वर्गीय कैलाश चंद्र शाहरा और उमेश शाहरा द्वारा प्रमोटेड थीं।

जांच में सामने आया कि इन कंपनियों ने फंड डायवर्जन, हेराफेरी और अकाउंटिंग फ्रॉड के जरिए कई बैंकों को भारी नुकसान पहुंचाया। एक सुनियोजित साजिश के तहत राउंड-ट्रिपिंग लेनदेन के लिए कई शेल कंपनियां बनाई गईं।

डिफॉल्ट करने वाली कंपनियों और शेल संस्थाओं ने जाली लेटर ऑफ क्रेडिट जारी किए, कैश क्रेडिट का दुरुपयोग किया, फर्जी बिक्री-खरीद दर्ज की और जानबूझकर व्यवसाय को नुकसान पहुंचाकर प्राप्त ऋण राशि को निकाल लिया। इस धोखाधड़ी से उत्पन्न अपराध की आय को छिपाने और भेस बदलने का काम भी किया गया, जो स्पष्ट रूप से मनी लॉन्ड्रिंग का मामला है।

तलाशी के दौरान ईडी ने महत्वपूर्ण सबूत जुटाए। आरोपी व्यक्तियों और उनके परिवार के सदस्यों से संबंधित 20 लाख रुपए से अधिक के बैंक बैलेंस फ्रीज कर दिए गए। इसके अलावा 23 लाख रुपए से अधिक नकद राशि जब्त की गई। कई डिजिटल उपकरण (मोबाइल, लैपटॉप, कंप्यूटर) और आपत्तिजनक रिकॉर्ड (दस्तावेज, ईमेल, लेनदेन विवरण) बरामद कर जब्त किए गए, जो आरोपियों की भूमिका को स्थापित करने में सहायक साबित हो रहे हैं।

ईडी ने बताया कि यह जांच अभी शुरुआती चरण में है और आगे की कार्रवाई जारी रहेगी। आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के अलावा अन्य संबंधित धाराओं में भी कार्रवाई की जा सकती है।

--आईएएनएस

एससीएच