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फ्लाइट ड्यूटी नियमों पर बड़ा फैसला, इंडिगो को मिली राहत, वीडियो में देखें 500 से ज्यादा उड़ानें रद्द होने के बाद आदेश वापस

 

देश की सबसे बड़ी एयरलाइन कंपनी इंडिगो को फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) से जुड़े नए नियमों में केंद्र सरकार से राहत मिल गई है। सरकार ने वह आदेश तत्काल प्रभाव से वापस ले लिया है, जिसके तहत पायलटों और केबिन क्रू को हर 7 दिनों में लगातार 48 घंटे का वीकली रेस्ट देना अनिवार्य किया गया था।

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डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) द्वारा जारी नए प्रावधानों में साप्ताहिक आराम (वीकली रेस्ट) और छुट्टियों को अलग-अलग श्रेणियों में मानने का प्रावधान था। इन नियमों का उद्देश्य क्रू सदस्यों की थकान कम करना और एयर ट्रैफिक की सुरक्षा को और मजबूत करना था। लेकिन एयरलाइन सेक्टर में क्रू की उपलब्धता को लेकर व्यावहारिक चुनौतियां सामने आने लगीं।

सरकारी आदेश वापस लिए जाने के बाद अब इंडिगो समेत बाकी एयरलाइंस पहले की तरह क्रू को हर 7 दिन में 36 घंटे का लगातार आराम दे सकेंगी। इससे एयरलाइन संचालन की मुसीबतें कुछ हद तक कम होने की उम्मीद है।

लगातार चौथे दिन क्रू संकट से जूझी इंडिगो

नए नियम लागू होने के बाद इंडिगो को क्रू की भारी कमी का सामना करना पड़ा। इसके चलते एयरलाइन शुक्रवार को लगातार चौथे दिन भी परिचालन संकट से उबर नहीं पाई।

फ्लाइट स्टाफ की कमी के कारण देशभर में कई प्रमुख एयरपोर्ट्स — दिल्ली, बेंगलुरु, पुणे और हैदराबाद — पर यात्री परेशान होते रहे। शुक्रवार को इंडिगो की 500 से ज्यादा उड़ानें कैंसिल हो गईं। बड़ी संख्या में यात्रियों को उड़ानें रीशेड्यूल करनी पड़ीं और एयरपोर्ट्स पर लंबी कतारें देखने को मिलीं।

यात्रियों की परेशानी बढ़ी, एयरलाइन पर भी दबाव

फ्लाइट कैंसिलेशन के कारण एयरपोर्ट पर यात्रियों की नाराज़गी साफ दिखी। कई यात्रियों ने सोशल मीडिया पर अपनी शिकायतें साझा करते हुए वैकल्पिक उड़ानें न मिल पाने और बढ़ती टिकट कीमतों पर सवाल उठाए।

उधर, इंडिगो ने भी स्थिति सुधारने के लिए अपने अन्य सेक्टर्स से क्रू को शिफ्ट करने और उड़ानों का शेड्यूल पुनर्गठित करने की कवायद शुरू कर दी थी, लेकिन संकट इतना गहरा था कि सरकार को हस्तक्षेप करना पड़ा।

सुरक्षा बनाम संचालन — संतुलन की चुनौती

फ्लाइट क्रू रेस्ट टाइम को लेकर लंबे समय से बहस जारी है। पायलट संघों का मानना है कि थकान सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा है और अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार उन्हें पर्याप्त आराम मिलना ही चाहिए। वहीं एयरलाइंस का कहना है कि भारत जैसे बड़े और तेजी से बढ़ते एविएशन बाजार में प्रावधान लचीले होने चाहिए, ताकि परिचालन प्रभावित न हो।

सरकार फिलहाल मध्य मार्ग अपनाती हुई दिख रही है। आदेश वापस लेने के साथ ही यह संदेश भी दिया गया है कि सुरक्षा से समझौता नहीं होगा और आगे क्रू वर्किंग कंडीशन पर चर्चा जारी रहेगी।