पति की कही बात दिल पर ऐसी चुभी की… कमरे में गई और फिर फंदे से झूल गई नई नवेली दुल्हन
बिहार के जमुई जिले से एक हृदयविदारक घटना सामने आई है जिसने पूरे इलाके को स्तब्ध कर दिया है। यहां महज 20 वर्षीय नवविवाहिता मंजरी कुमारी ने अपने ससुराल के कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। घटना के वक्त घर पर उसका पति सोनू मौजूद नहीं था, और जब वह घर लौटा तो पत्नी की लाश फंदे से झूलती देख उसकी चीख निकल गई। इस घटना ने न सिर्फ परिवार को, बल्कि पूरे गांव को गम और सदमे में डाल दिया है।
मायके जाने की थी जिद
जानकारी के अनुसार, मंजरी कुमारी की शादी कुछ महीने पहले ही सोनू से हुई थी। शुरूआती दिनों में सब कुछ सामान्य था, लेकिन समय के साथ मंजरी को मायके की याद सताने लगी। वह बार-बार अपने पति से मायके भेजने की गुहार लगाती थी। मंगलवार को भी मंजरी ने मायके जाने की जिद की, लेकिन पति सोनू ने कहा कि वह पहले धान बेचकर आता है, फिर उसे छोड़ देगा। यह बात मंजरी को नागवार गुजरी। वह चुपचाप कमरे में गई, साड़ी उठाई और फंदा बनाकर आत्महत्या कर ली।
घर लौटते ही उजड़ गया संसार
जब सोनू घर लौटा और कमरे में प्रवेश किया, तो मंजरी का शव फंदे से लटका देखकर वह बिलख पड़ा। उसकी चीख सुनकर आस-पास के लोग मौके पर पहुंचे और तुरंत पुलिस को सूचना दी गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
पति का दर्द छलका
पुलिस पूछताछ में सोनू ने कहा, “साहब, अगर उसे मायके भेज देता तो आज वह जिंदा होती... वह रोज यही कहती थी कि मुझे मम्मी-पापा से मिलने जाना है। लेकिन मैं टालता रहा... आज सोचा कि शाम को छोड़ आऊंगा, मगर देर हो गई।”
पिता ने कहा, ससुराल वालों की कोई गलती नहीं
मृतका के पिता गिरानी पासवान ने इस मामले में थाना में आवेदन देकर स्पष्ट किया है कि “मंजरी ने आत्महत्या की है और इस घटना में ससुराल पक्ष का कोई दोष नहीं है।” उन्होंने पुलिस से मामले को आत्महत्या मानने की गुजारिश की है।
पुलिस जांच जारी
थाना प्रभारी कुमार संजीव ने बताया कि “परिजनों के बयान के आधार पर फिलहाल किसी के खिलाफ कोई केस दर्ज नहीं किया गया है। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और मामले की गहन जांच की जा रही है।”
मानसिक स्वास्थ्य और संवाद की ज़रूरत
यह घटना एक बार फिर इस बात को रेखांकित करती है कि शादीशुदा महिलाओं में मायके की याद और भावनात्मक लगाव बेहद गहरा होता है। कई बार छोटी-छोटी बातें भी बड़ी मानसिक पीड़ा का कारण बन जाती हैं। ऐसे मामलों में संवेदनशीलता, संवाद और मानसिक सहयोग बेहद आवश्यक है। मंजरी की आत्महत्या ने एक हंसते-खेलते घर को उजाड़ दिया। यह घटना समाज के लिए भी एक चेतावनी है कि रिश्तों में संवाद की कमी और भावनात्मक उपेक्षा कैसे जीवन खत्म कर सकती है।