हुमायूं कबीर के निलंबन पर टीएमसी ने दी सफाई, कहा- मस्जिद नहीं, अनुशासन का मुद्दा
कोलकाता, 6 दिसंबर (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में बाबरी मस्जिद बनवाने की घोषणा के बाद से विधायक हुमायूं कबीर काफी चर्चा में बने हुए हैं। इस बीच टीएमसी ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया। हालांकि, शनिवार को तृणमूल कांग्रेस ने साफ कर दिया कि कबीर को पार्टी से इसलिए नहीं निकाला गया कि उन्होंने मुर्शिदाबाद में बाबरी मस्जिद बनाने की बात कही थी।
पार्टी का कहना है कि उन्हें बर्खास्त करने की वजह सिर्फ और सिर्फ उनके लगातार दिए जा रहे पार्टी विरोधी बयान थे।
टीएमसी के राज्य महासचिव कुणाल घोष ने कहा कि हुमायूं कबीर को सस्पेंड करने का किसी भी तरह से धर्म से कोई संबंध नहीं है। उनका कहना है कि पश्चिम बंगाल में कोई भी व्यक्ति मंदिर, मस्जिद, चर्च या किसी भी धर्मस्थल का निर्माण करना चाहे, तो इसके लिए उसे रोका नहीं जाता और न ही उसकी वजह से किसी को पार्टी से निकाला जाता है। तृणमूल कांग्रेस ऐसा कभी नहीं करती और आगे भी नहीं करेगी। अगर कोई नेता किसी दूसरी पार्टी के बहकावे में आकर किसी धार्मिक कार्यक्रम का इस्तेमाल राजनीति में ध्रुवीकरण के लिए करता है और इससे सामाजिक माहौल खराब होने का खतरा बनता है, तो पार्टी को कार्रवाई करनी ही पड़ेगी।
कुणाल घोष ने कहा कि समस्या धर्मस्थल बनाने की नहीं है, बल्कि धर्म के नाम पर राजनीति करके माहौल खराब करने की कोशिश की है, जो पार्टी के अनुशासन के खिलाफ है।
घोष ने आगे कहा कि अगर कोई नेता संगठन को नुकसान पहुंचाने वाली गतिविधियों में शामिल होता है या फिर लगातार ऐसे बयान देता है, जिससे पार्टी की छवि या एकता को नुकसान पहुंचता है, तो वह मुद्दा धर्म से हटकर सीधा संगठनात्मक अनुशासन का बन जाता है। ऐसे में कार्रवाई जरूरी होती है।
टीएमसी का कहना है कि उसका रुख हमेशा से साफ रहा है। पार्टी सभी धर्मों का सम्मान करती है, लेकिन धर्म के नाम पर राजनीति और भड़काऊ माहौल बनाना पूरी तरह गलत है। कुणाल घोष ने यह भी कहा कि यह कहना कि किसी को मंदिर या मस्जिद बनाने की वजह से निकाला गया, पूरी तरह से झूठ है।
पार्टी के वरिष्ठ नेता फिरहाद हकीम ने भी कुछ दिन पहले कहा था कि टीएमसी उनका साथ नहीं देगी जो धर्म के नाम पर राजनीति करते हैं। वहीं, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी कहा था कि मुर्शिदाबाद की जनता दंगों की राजनीति को कभी स्वीकार नहीं करेगी।
--आईएएनएस
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