हम खामियों पर चर्चा कर उसे सुधारते हैं : मंत्री श्रवण कुमार
लखनऊ, 8 दिसंबर (आईएएनएस)। बिहार सरकार में मंत्री श्रवण कुमार ने शुक्रवार को बताया कि जनता दल यूनाइटेड की तरफ से हर महीने उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बैठक का आयोजन किया जाता है, जिसमें सभी नेता शामिल होते हैं। इसी को देखते हुए वे भी बैठक में शामिल हुए।
उन्होंने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में बताया कि इस बैठक में मूल रूप से जदयू संगठन के विस्तार और बिहार विधानसभा चुनाव के परिणामों पर विस्तार से चर्चा की जा रही है। बैठक में यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि कहीं चुनाव के दौरान किसी प्रकार की खामी तो नहीं रह गई। अगर चुनाव में किसी भी प्रकार की खामी रह गई है, तो उसे पुन: दूर करने का प्रयास किया गया।
उन्होंने कहा कि हमें यहां पर एक बात समझनी होगी कि संगठन बनाना और चुनाव लड़ना, दोनों अलग-अलग बिंदु हैं। कई बार हम इन दोनों बिंदुओं के अंतर को समझ नहीं पाते हैं। हम मौजूदा समय में अपने संगठन को विस्तार देने में जुटे हैं। इस दिशा में हमने पूरी रूपरेखा तैयार कर ली है, जिसके आधार पर हम काम कर रहे हैं। हम संगठन से नए-नए लोगों को जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं, ताकि हमारी पार्टी का विस्तार हो सके। साथ ही, अन्य राज्यों में भी पार्टी के विस्तार को बढ़ा रहे हैं। इसके लिए हम उन राज्यों के पार्टी प्रभारी से संवाद स्थापित कर रहे हैं।
मंत्री श्रवण कुमार ने विपक्षी दलों पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि आज की तारीख में विपक्षी दलों को देश की जनता खारिज कर चुकी है। देश की जनता अब इन्हें किसी भी कीमत पर स्वीकार करने वाली नहीं है। लेकिन, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि ये लोग इन बातों को समझ नहीं पा रहे हैं। जब कभी विपक्षी दलों को किसी राज्य में जीत मिलती है, तो ये लोग ईवीएम पर किसी भी प्रकार का सवाल नहीं उठाते हैं, लेकिन जब चुनाव हार जाते हैं, तो ईवीएम पर सवाल उठाने लगते हैं। कहते हैं कि ईवीएम में गड़बड़ी है। मैं ऐसे लोगों से पूछना चाहूंगा कि जब झारखंड और कर्नाटक जैसे राज्यों में विपक्षी दलों को जीत मिली थी, तब क्या हुआ था, तब आप लोगों ईवीएम में कोई गड़बड़ी नहीं दिखी थी? इससे यह साफ जाहिर होता है कि ये लोग सिर्फ राजनीतिक लाभ अर्जित करने के मकसद से यह सब प्रपंच कर रहे हैं, जिसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि ये लोग अब राजनीतिक फायदा अर्जित करने के मकसद से मतदाता सूची पुनरीक्षण पर सवाल उठा रहे हैं, जो कि अनुचित है। मतदाता सूची पुनरीक्षण के तहत फर्जी मतदाताओं का नाम चिन्हित किया जा रहा है। इसके बावजूद भी ये लोग इसका विरोध कर रहे हैं। ऐसे लोगों से मेरा सीधा सा सवाल है कि आखिर यह क्या चाहते हैं। क्या ये उन लोगों का भी नाम मतदाता सूची में दर्ज रहना देना चाहते हैं, जिनकी मृत्यु आज से दस साल पहले हो चुकी थी। जिन लोगों ने एक से अधिक जगहों पर मतदाता पत्र बना रखा है। ऐसे लोगों को चिन्हित करके उनके नाम काटे जा रहे हैं, ताकि लोकतांत्रिक व्यवस्था सुचारू रहे। इसमें किसी भी प्रकार की विसंगति पैदा नहीं हो।
वहीं, पश्चिम बंगाल में टीएमसी के निलंबित विधायक की तरफ से मस्जिद के मुद्दे का जिक्र किए जाने पर मंत्री ने पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि जब कभी-भी चुनाव आता है, तो ये लोग राजनीतिक लाभ अर्जित करने के मकसद से इस तरह के मुद्दे को उठाते हैं, ताकि राजनीतिक स्थिति को अपने पक्ष में कर सके।
--आईएएनएस
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