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तमिलनाडु कैबिनेट की 6 जनवरी को बैठक, विधानसभा सत्र से पहले अहम फैसलों की संभावना

 

चेन्नई, 31 दिसंबर (आईएएनएस)। तमिलनाडु की राज्य कैबिनेट की बैठक 6 जनवरी को चेन्नई स्थित सचिवालय में मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन की अध्यक्षता में आयोजित होगी। यह बैठक 20 जनवरी से शुरू होने वाले राज्य विधानसभा सत्र से पहले हो रही है, इसलिए इसे काफी अहम माना जा रहा है।

कैबिनेट बैठक में आगामी विधानसभा सत्र के लिए सरकार के विधायी एजेंडे और नीतिगत दिशा को अंतिम रूप देने पर चर्चा की जाएगी। माना जा रहा है कि इस बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए जा सकते हैं।

बैठक का एक प्रमुख एजेंडा राज्यपाल के अभिभाषण की तैयारी होगा। परंपरागत रूप से राज्यपाल का अभिभाषण सरकार की प्राथमिकताओं, उपलब्धियों और आने वाले वर्ष की नीतिगत रूपरेखा को प्रस्तुत करता है। कैबिनेट में मंत्री उन प्रमुख विषयों, कल्याणकारी योजनाओं और विकास कार्यक्रमों पर विचार करेंगे, जिन्हें विधानसभा में रेखांकित किया जाना है।

इसके अलावा, सरकारी कर्मचारियों से जुड़े लंबे समय से लंबित मुद्दों पर भी चर्चा होने की संभावना है। शिक्षकों और नर्सों सहित कई सरकारी कर्मचारी अपनी सेवा संबंधी मांगों को लेकर लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, जिनके समाधान पर कैबिनेट में विचार किया जा सकता है।

सरकारी कर्मचारियों की पेंशन से संबंधित सुधारों पर गठित समिति की रिपोर्ट भी बैठक में अहम मुद्दा रहेगी। बताया जा रहा है कि समिति ने अपनी अंतिम सिफारिशें मुख्यमंत्री को सौंप दी हैं। कैबिनेट इन सिफारिशों पर चर्चा कर पेंशन लाभ और इससे जुड़े अन्य मामलों पर आगे की कार्रवाई को लेकर निर्णय ले सकती है।

कर्मचारी कल्याण के अलावा, कैबिनेट में विभिन्न औद्योगिक और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को मंजूरी देने के प्रस्तावों पर भी विचार किया जा सकता है। ये प्रस्ताव राज्य सरकार के निवेश आकर्षित करने, औद्योगिक विकास को मजबूत करने और रोजगार सृजन के व्यापक प्रयासों का हिस्सा हैं।

6 जनवरी की कैबिनेट बैठक इसलिए भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि यह विधानसभा सत्र से ठीक पहले हो रही है, जहां सरकार को विपक्ष की ओर से शासन, आर्थिक प्रदर्शन और कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन को लेकर सवालों का सामना करना पड़ सकता है।

इस बैठक में लिए गए फैसले न केवल आगामी विधानसभा सत्र की दिशा तय करेंगे, बल्कि आने वाले महीनों में सरकार की नीतिगत प्राथमिकताओं के भी संकेत देंगे। सरकारी कर्मचारियों, उद्योग जगत और आम जनता की निगाहें इस बैठक के नतीजों पर टिकी हुई हैं।

--आईएएनएस

डीएससी