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भारत में स्टील की मांग वित्त वर्ष 26 में 8 प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद

 

नई दिल्ली, 17 दिसंबर (आईएएनएस)। भारत में स्टील की मांग वित्त वर्ष 26 में करीब 8 प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद है। इसमें दौरान स्टील की मांग में 11-12 मिलियन टन प्रति वर्ष (एमटीपीए) का इजाफा हो सकता है। यह जानकारी बुधवार को जारी की गई एक रिपोर्ट में दी गई।

आईसीआरए ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि स्टील की कीमतों में नरमी और आपूर्ति में बढ़ोतरी के कारण स्टील उत्पादकों के समाने आने वाले समय में चुनौतियां आ सकती हैं।

रेटिंग एजेंसी ने अपने अनुमान में कहा, "आने वाली कुछ तिमाही घरेलू स्टील उत्पादकों के लिए चुनौती भरी रह सकती हैं, क्योंकि इनपुट लागत स्थिर बनी हुई है और बाहरी माहौल कमजोर बना हुआ है।"

रिपोर्ट में कहा गया कि इससे स्टील क्षमता बढ़ाने के लिए होने वाला निवेश भी धीमा पड़ सकता है।

वित्त वर्ष 2026-31 के बीच 80-85 मिलियन टन क्षमता वृद्धि के लिए 45-50 अरब डॉलर का निवेश होने का अनुमान है।

आईसीआरए ने कहा कि घरेलू स्टील इंडस्ट्री के लिए ऑपरेटिंग मार्जिन वित्त वर्ष 26 में 12.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है।

आईसीआरए के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और समूह प्रमुख, कॉर्पोरेट सेक्टर रेटिंग्स, गिरीशकुमार कदम ने बताया कि घरेलू स्टील इंडस्ट्री ने पिछले तीन से चार तिमाहियों में रिकॉर्ड 15 मिलियन टन क्षमता वृद्धि दर्ज की है और वित्त वर्ष के अंत तक इसमें 5 मिलियन टन की और वृद्धि की उम्मीद है।

उन्होंने कहा, "घरेलू हॉट रोल्ड कॉइल (एचआरसी) की कीमतें वर्तमान में आयात से नीचे चल रही हैं, जो आपूर्ति पक्ष के लगातार दबाव को दर्शाती हैं।"

आईसीआरए ने बताया कि वित्त वर्ष 2026 के लिए घरेलू एचआरसी की कीमतें औसतन 50,500 रुपए प्रति टन रहने की उम्मीद है।

घरेलू एचआरसी (हार्ड रेडिएशन क्रॉस) की कीमतें अप्रैल 2025 में बढ़कर 52,850 रुपए प्रति टन हो गई थीं, लेकिन आपूर्ति में वृद्धि के कारण 12 प्रतिशत सेफगार्ड ड्यूटी (एसजीडी) लागू होने के बाद भी नवंबर 2025 तक कीमतें गिरकर 46,000 रुपए प्रति टन हो गई हैं।

रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि अमेरिका और यूरोपीय संघ में बढ़ते व्यापार अवरोध ग्लोबल स्टील सरप्लस को भारत जैसे उच्च विकास वाले बाजारों की ओर मोड़ सकते हैं और सेफगार्ड ड्यूटी को जारी रखने का आग्रह किया गया है।

--आईएएनएस

एबीएस/