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एनजीटी ने दिल्ली के साकेत में जंगल पर 'अतिक्रमण' को लेकर नई इंस्पेक्शन रिपोर्ट मांगी

 

नई दिल्ली, 28 दिसंबर (आईएएनएस)। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने साउथ दिल्ली में प्रेस एन्क्लेव और साकेत स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स के बीच लगभग छह हेक्टेयर जंगल की जमीन पर कथित अतिक्रमण की फिर से जांच कर रिपोर्ट मांगी है।

चेयरपर्सन जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि अब तक पेश की गई रिपोर्ट में कथित जंगल जमीन की स्थिति साफ तौर पर नहीं बताई गई है।

एनजीटी ने कहा, "पेश की गई रिपोर्ट में प्रेस एन्क्लेव और साकेत स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स के बीच कथित जंगल जमीन की स्थिति का खुलासा नहीं होता है और नई जांच करने के लिए चार हफ्ते का समय दिया गया है।"

एक रिपोर्ट के आधार पर दर्ज किए गए मामले पर एनजीटी स्वतः संज्ञान लेकर मामले की सुनवाई कर रही थी, जिसमें बताया गया था कि साकेत जंगल इलाके में लगभग 500 झुग्गियां बन गई हैं, जिससे लगभग छह हेक्टेयर जमीन पर कब्जा हो गया है।

एनजीटी ने कहा कि पहले जवाब देने वाले यह नहीं बता पाए कि प्रेस एन्क्लेव और साकेत स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स के बीच छह हेक्टेयर इलाके से जुड़ी रिपोर्ट में बताई गई जमीन जंगल की जमीन थी या नहीं और निर्देश दिया कि नई रिपोर्ट में 'जांचे गए खसरा नंबरों की पूरी जानकारी' शामिल होनी चाहिए।

इस मामले की अगली सुनवाई 16 मार्च 2026 को होगी। इससे पहले, इस साल सितंबर में, ग्रीन ट्रिब्यूनल ने दिल्ली डेवलपमेंट अथॉरिटी (डीडीए) द्वारा दायर एक रिपोर्ट पर ध्यान दिया था, जिसमें कहा गया था कि यह जमीन दिल्ली डेवलपमेंट एक्ट के तहत 1979 में जारी एक नोटिफिकेशन के तहत 'पैकेज डील' के हिस्से के रूप में उसे ट्रांसफर की गई थी।

डीडीए ने यह भी बताया था कि साइट पर अवैध निर्माण मौजूद हैं, जिनमें एक कब्रिस्तान, अस्थायी शेड, कबाड़ी वालों का कब्जा और 'कुछ झुग्गियां' शामिल हैं।

डीडीए ने एनजीटी को साकेत जिला अदालत और दिल्ली हाई कोर्ट में इलाके से जुड़े पेंडिंग मुकदमों के बारे में भी बताया था, जिसमें एक ऐसा मामला भी शामिल था, जिसमें 2015 में तोड़फोड़ पर रोक लगाई गई थी। जस्टिस श्रीवास्तव की बेंच ने तब डीडीए को उन मामलों की नवीन स्थिति रिकॉर्ड पर रखने का निर्देश दिया था।

--आईएएनएस

एसएके/एबीएम