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केरल के शिक्षा मंत्री ने कांग्रेस पर जमकर साधा निशाना, ‘भगवाकरण’ का लगाया आरोप

 

तिरुवनंतपुरम, 30 दिसंबर (आईएएनएस)। केरल के शिक्षा एवं श्रम मंत्री वी शिवनकुट्टी ने मंगलवार को कांग्रेस पर तीखा हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि पार्टी राष्ट्रीय स्तर पर और केरल में अपना “भगवाकरण” पूरा कर चुकी है और अब आरएसएस की भर्ती एजेंसी की तरह काम कर रही है।

मीडिया से बातचीत में शिवनकुट्टी ने कुछ मीडिया संस्थानों को भी चेतावनी दी कि वे कथित “कांग्रेस-भाजपा के अपवित्र गठबंधन” के जनसंपर्क मंच के रूप में काम न करें।

उन्होंने कहा, “जब भारतीय लोकतंत्र गंभीर दबाव में है, तब कांग्रेस ने चुप्पी और समर्पण का रास्ता चुना है।” शिवनकुट्टी ने 1992 में बाबरी मस्जिद विध्वंस के दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री पी.वी. नरसिम्हा राव की चुप्पी का जिक्र करते हुए कहा, “वह चुप्पी किसके लिए थी? वही आज भी जारी है।”

उन्होंने आरोप लगाया कि शशि थरूर और दिग्विजय सिंह के बाद वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद द्वारा आरएसएस की प्रशंसा कांग्रेस के वैचारिक भटकाव को दर्शाती है।

केरल की राजनीति पर बात करते हुए शिवनकुट्टी ने कहा कि कांग्रेस-भाजपा का गठजोड़ अब केवल बयानबाजी तक सीमित नहीं रहा, बल्कि जमीनी स्तर पर “व्यावहारिक प्रयोगों” के रूप में सामने आ रहा है। उन्होंने मत्ताथुर ग्राम पंचायत चुनाव परिणामों को कथित वोटों की अदला-बदली का सबूत बताया।

उन्होंने कहा, “आंकड़े झूठ नहीं बोलते।” उनके अनुसार नूलुवल्ली वार्ड में भाजपा की जीत के दौरान कांग्रेस को सिर्फ 44 वोट मिले, कोरेचल वार्ड में कांग्रेस को 58 वोट मिले जब भाजपा विजयी हुई, जबकि मुरिकुंगल वार्ड में यूडीएफ की जीत के समय भाजपा को केवल 66 वोट मिले।

उन्होंने आरोप लगाया, “यह समायोजन की राजनीति नहीं, बल्कि खुली वोट ट्रेडिंग है,” और कहा कि एलडीएफ को हराने के लिए कांग्रेस किसी के साथ भी वोट साझा कर रही है।

इसके बावजूद, शिवनकुट्टी ने कहा कि मत्ताथुर में एलडीएफ 10 सीटों के साथ सबसे बड़ा दल बनकर उभरा, जो उनके अनुसार “सांप्रदायिक गठबंधन” के लिए झटका है।

मंत्री ने मत्ताथुर पंचायत सदस्य के.आर. ओसेफ के खुलासे का भी हवाला दिया, जिसमें दावा किया गया था कि थ्रिशूर लोकसभा चुनाव के दौरान डीसीसी नेताओं ने कार्यकर्ताओं से बूथ स्तर पर ढील बरतने को कहा था। शिवनकुट्टी के मुताबिक, इसी “गुप्त वोट ट्रांसफर” से भाजपा को थ्रिशूर में जीत और बेहतर वोट शेयर मिला।

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस नेता के. मुरलीधरन और सबरीनाथ जैसे नेता भाजपा की मांगों के समर्थन में सामने आए हैं, जिनमें एक भाजपा पार्षद द्वारा सीपीआई(एम) विधायक वी.के. प्रसांत से तिरुवनंतपुरम में कार्यालय खाली करने की मांग भी शामिल है।

--आईएएनएस

डीएससी