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जीएसटी में कटौती से रिटेल क्रेडिट मार्केट को मिला बढ़ावा, ऑटो और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स लोन में उछाल : रिपोर्ट

 

नई दिल्ली, 15 दिसंबर (आईएएनएस)। भारत में जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) सुधार से रिटेल क्रेडिट बाजार में तेजी आई है। सोमवार को जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही में क्रेडिट मार्केट इंडिकेटर (सीएमआई) का स्कोर 98 से बढ़कर 99 हो गया, जो इस बात को दर्शाता है कि लोग अब ज्यादा आसानी से कर्ज ले पा रहे हैं। यह बढ़ोतरी कर्ज की कीमतों में कमी और उपभोक्ताओं की खरीदारी में बढ़े हुए भरोसे को दिखाती है।

ट्रांसयूनियन सीआईबीएल की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि खुदरा ऋण की बढ़ती मांग से उपभोक्ताओं का आत्मविश्वास बढ़ा है और बाजार में आशा का माहौल बना है। सीएमआई का डिमांड पिलर 2025 के सितंबर तिमाही में 93 से बढ़कर 95 हो गया। इसका मुख्य कारण वाहन वित्त (ऑटो लोन) और उपभोक्ता टिकाऊ वस्तु (कंज्यूमर ड्यूरेबल्स) की बढ़ती मांग रही।

2025 के अक्टूबर में उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं के लिए लोन की मांग 128 से बढ़कर 189 हो गई। वहीं, दो पहिया वाहनों के लिए लोन की मांग 249 से बढ़कर 272 हो गई। साथ ही, ऑटो लोन (कार लोन) की मांग भी 115 से बढ़कर 133 हो गई।

रिपोर्ट में बताया गया कि 2025 की तीसरी तिमाही में सीएमआई के आपूर्ति पक्ष का स्कोर 91 से बढ़कर 97 हो गया। यह बढ़ोतरी मुख्य रूप से गोल्ड लोन और कंज्यूमर लोन में हुई है। होम लोन, ऑटो लोन और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स लोन की आपूर्ति में भी सकारात्मक बदलाव देखा गया है, हालांकि पिछले साल इनमें गिरावट आई थी।

वहीं तिमाही के दौरान कुल लोन आपूर्ति में अर्ध-शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों का हिस्सा 61 प्रतिशत रहा।

ट्रांसयूनियन सीआईबीएल जैन के एमडी और सीईओ भावेश जैन ने कहा, "यह एक अच्छा अवसर है कि लोन देने वाली कंपनियां इन नई श्रेणियों के उधारकर्ताओं को ध्यान में रखते हुए अपनी योजनाएं बनाएं।"

नए क्रेडिट उधारकर्ताओं की संख्या में 5 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है और 35 वर्ष से कम उम्र के उधारकर्ता में 12 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।

उन्होंने आगे कहा कि हालांकि समग्र लोन की गुणवत्ता स्थिर है, कुछ लोन सेक्टर्स में हाल ही में तनाव देखने को मिल रहा है। विशेष रूप से माइक्रो लोन और छोटे होम लोन के क्षेत्र में चुनौतियां उभरने लगी हैं।

--आईएएनएस

दुर्गेश बहादुर/एबीएस