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उत्तर प्रदेश : रामपुर में एसआईआर फॉर्म में गलत जानकारी देने का पहला मामला दर्ज

 

लखनऊ, 6 दिसंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश में भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) के दिशानिर्देशों का कड़ाई से पालन करते हुए मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) कार्य चल रहा है। इस प्रक्रिया के बीच रामपुर जिले में एसआईआर फॉर्म में तथ्य छिपाने और गलत जानकारी देने का पहला मामला सामने आया है।

जानकारी के अनुसार, यह घटना तब सामने आई, जब एक महिला ने कथित तौर पर अपने दो बेटों, आमिर और दानिश, की ओर से गणना फॉर्म जमा किए जो कई वर्षों से दुबई और कुवैत में रह रहे हैं। उसने गणना फॉर्म पर उनके जाली हस्ताक्षर भी किए। बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) द्वारा जमा किए गए फॉर्म के डिजिटलीकरण के दौरान इस धोखाधड़ी का पता चला।

इस खुलासे के बाद रामपुर के जिला मजिस्ट्रेट अजय कुमार द्विवेदी ने तीनों व्यक्तियों के खिलाफ संबंधित कानूनी प्रावधानों के तहत एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया।

द्विवेदी ने कहा कि रामपुर के सभी विधानसभा क्षेत्रों में एसआईआर गंभीरता और पूर्ण पारदर्शिता के साथ संचालित की जा रही है।

उन्होंने कहा कि विधानसभा क्षेत्र 37 (रामपुर) के भाग संख्या 248 में प्राप्त फॉर्म के डिजिटलीकरण के दौरान ऐसा मामला सामने आया।

डीएम के अनुसार, दोनों मतदाताओं की मां नूरजहां ने उनके नाम से फॉर्म जमा किए, जबकि उन्होंने यह तथ्य छिपाया कि वे अब रामपुर में नहीं रहते। यह चुनाव नियमों का गंभीर उल्लंघन है।

चुनाव आयोग के दिशानिर्देशों के अनुसार, कोई भी मतदाता केवल उसी स्थान से गणना प्रपत्र जमा कर सकता है, जहां वह सामान्यतः निवास करता है। गलत जानकारी देना, तथ्य छिपाना या दोहरी प्रविष्टियां रखना कानून के तहत दंडनीय है।

अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि जिन व्यक्तियों ने गलती से दो स्थानों से प्रपत्र जमा कर दिए हैं, वे अपनी प्रविष्टियों को सही कराने के लिए अपने बूथ स्तरीय अधिकारी से संपर्क करके इसे वापस लेने का विकल्प चुन सकते हैं। हालांकि, जानबूझकर उल्लंघन करने पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

डीएम द्विवेदी ने निवासियों से पुनरीक्षण प्रक्रिया के दौरान सटीक, अपडेट जानकारी प्रदान करने और एसआईआर प्रक्रिया की अखंडता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए झूठी घोषणाएं या गलत प्रविष्टियां करने से बचने का आग्रह किया।

--आईएएनएस

एमएस/एबीएम