×

ईडी ने अनिल अंबानी ग्रुप से जुड़ी 1,120 करोड़ रुपए की 18 और संपत्तियां जब्त कीं

 

नई दिल्ली, 5 दिसंबर (आईएएनएस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को कहा कि वह अब तक अनिल अंबानी ग्रुप से जुड़ी 10,117 करोड़ रुपए की संपत्ति अस्थायी रूप से जब्त कर चुका है।

अपने ताजा एक्शन में सरकारी जांच एजेंसी ने रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड/रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस लिमिटेड/यस बैंक धोखाधड़ी मामले में अनिल अंबानी ग्रुप से जुड़ी 1,120 करोड़ रुपए की 18 संपत्तियां जब्त की हैं। इनमें प्रॉपर्टी, फिक्स्ड डिपॉजिट, बैंक बैलेंस और निवेश शामिल हैं।

जब्त की गई संपत्तियों में रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड की सात संपत्तियां, रिलायंस पावर लिमिटेड की दो संपत्तियां और रिलायंस वैल्यू सर्विस प्राइवेट लिमिटेड की नौ संपत्तियां शामिल हैं।

इसके अलावा रिलायंस वैल्यू सर्विस प्राइवेट लिमिटेड, रिलायंस वेंचर एसेट मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड, फाई मैनेजमेंट सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, आधार प्रॉपर्टी कंसल्टेंसी प्राइवेट लिमिटेड, गमेसा इन्वेस्टमेंट मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर सावधि जमा और रिलायंस वेंचर एसेट मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड और फाई मैनेजमेंट सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड द्वारा अघोषित निवेश को भी जब्त किया गया है।

ईडी ने इससे पहले रिलायंस कम्युनिकेशंस लिमिटेड (आरकॉम), रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस लिमिटेड और रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड के बैंक धोखाधड़ी मामलों में 8,997 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्तियां जब्त की थीं।

सरकारी जांच एजेंसी ने कहा, "अब तक अनिल अंबानी ग्रुप की 10,117 करोड़ रुपए की संपत्तियां जब्त की जा चुकी हैं। ईडी ने रिलायंस कम्युनिकेशंस लिमिटेड, रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड (आरएचएफएल), रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस लिमिटेड (आरसीएफएल), रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (आरआईएल) और रिलायंस पावर लिमिटेड (आरएचएफएल) सहित रिलायंस अनिल अंबानी समूह की विभिन्न कंपनियों द्वारा सार्वजनिक धन के धोखाधड़ीपूर्ण उपयोग का पता लगाया है।"

ईडी के अनुसार, 2017-2019 के दौरान, यस बैंक ने आरएचएफएल में 2,965 करोड़ रुपए और आरसीएफएल में 2,045 करोड़ रुपए का निवेश किया था। यह दिसंबर 2019 तक नॉन-परफॉरमिंग (एनपीए) निवेश बन गए थे।

ईडी ने सीबीआई द्वारा भारतीय दंड संहिता, 1860 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1989 की विभिन्न धाराओं के तहत आरकॉम, अनिल अंबानी और अन्य के खिलाफ दर्ज एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की थी।

--आईएएनएस

एबीएस/