राजस्थान कांग्रेस ने अरावली रेंज विवाद पर भाजपा की आलोचना की
जयपुर, 23 दिसंबर (आईएएनएस)। राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने अरावली पर्वत श्रृंखला से जुड़ी हालिया घटनाओं को लेकर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि अगर मौजूदा योजनाएं लागू हुईं, तो इस इलाके में माइनिंग यानी खनन गतिविधियां बहुत बढ़ सकती हैं।
डोटासरा ने बताया कि केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को जो रिपोर्ट दी है, वह अरावली में माइनिंग की इजाजत देने के दबाव को दिखाती है। उन्होंने चेतावनी दी कि इससे लगभग 90 प्रतिशत इलाके पर असर पड़ सकता है और कई बड़े इलाके माइनिंग के लिए खुल सकते हैं।
उन्होंने कहा कि अलवर के नेताओं को अहम पदों पर रखा गया है, जैसे केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव और राजस्थान के वन मंत्री संजय शर्मा। यह एक बड़ी नीति का हिस्सा हो सकता है। राज्य में माइनिंग और होम डिपार्टमेंट मुख्यमंत्री के पास हैं, जबकि केंद्रीय पर्यावरण मंत्री राजस्थान से हैं।
कांग्रेस नेता ने कहा कि भाजपा ने चुनाव में अरावली की सुरक्षा के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाने का वादा किया था, लेकिन अब मौजूदा रास्ता इसे माइनिंग क्षेत्र में बदल सकता है। माइनिंग लीज औद्योगिक हितों के लिए फंडिंग का जरिया बन सकती है।
डोटासरा ने कहा कि राजस्थान में पहले से ही देश में सबसे ज्यादा माइनिंग लीज हैं। उन्होंने सरिस्का के क्रिटिकल टाइगर हैबिटेट को बदलने की कोशिशों पर भी सवाल उठाया।
उन्होंने अरावली की सांस्कृतिक और धार्मिक अहमियत पर जोर दिया और कई मंदिरों का नाम लिया, जैसे परशुराम महादेव (पाली), हर्षनाथ (सीकर), पांडुपोल हनुमान मंदिर, नीलकंठ महादेव (अलवर), एकलिंगजी (उदयपुर) आदि। उन्होंने कहा कि इन जगहों के पर्यावरण को बचाना आस्था और विरासत दोनों के लिए जरूरी है।
डोटासरा ने भाजपा नेताओं के बयानों पर भी प्रतिक्रिया दी और कहा कि माइनिंग जैसे मामलों में केवल माइनिंग मंत्री की बात होनी चाहिए। उन्होंने दोहराया कि कांग्रेस अरावली रेंज के भविष्य को लेकर लगातार सवाल उठाती रहेगी और सरकारों से पारदर्शिता और जवाबदेही की मांग करेगी।
--आईएएनएस
एएमटी/एबीएम