केरल: चिन्निथला ने सीएम विजयन पर लगाया ध्यान भटकाने की राजनीति का आरोप
तिरुवनंतपुरम, 30 दिसंबर (आईएएनएस)। कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) के सदस्य और वरिष्ठ विधायक रमेश चिन्निथला ने मंगलवार को मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के नेतृत्व वाली केरल सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार अपनी शासन विफलताओं और चुनावी झटकों से ध्यान हटाने के लिए ध्यान भटकाने वाली राजनीति और साम्प्रदायिक प्रयोग कर रही है।
चिन्निथला के ये बयान उस समय आए जब कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया 93वें शिवगिरि तीर्थदानम सम्मेलन में भाग लेने के लिए तिरुवनंतपुरम पहुंचने वाले हैं। यह सम्मेलन शिवगिरि मठ में आयोजित किया जा रहा है, जो महान समाज सुधारक श्री नारायण गुरु से जुड़ा एक प्रमुख आध्यात्मिक केंद्र है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि मुख्यमंत्री विजयन को कर्नाटक सरकार को सलाह देने से पहले केरल में अपनी जिम्मेदारियों पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री अपने राज्य के मामलों को संभालने में पूरी तरह सक्षम हैं और वहां “बुलडोजर राज” जैसी कोई स्थिति नहीं है।
चिन्निथला ने कहा कि यदि सरकारी भूमि से अतिक्रमण हटाया भी गया है तो कर्नाटक सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि प्रभावित लोगों का पुनर्वास सुनिश्चित किया जाएगा। उन्होंने आरोप लगाया कि इस मुद्दे पर माकपा राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश कर रही है, लेकिन ऐसी कोशिशें नाकाम होंगी।
उन्होंने कहा, “यह केवल राजनीतिक मुनाफाखोरी की कोशिश है। जनता इतनी समझदार है कि वह बनावटी विवादों को पहचान सकती है।”
रमेश चिन्निथला ने अल्पसंख्यक कल्याण के मुद्दे पर भी वाम सरकार को कठघरे में खड़ा किया। उन्होंने आरोप लगाया कि केरल में किसी भी पिछली सरकार ने अल्पसंख्यकों को इस तरह परेशान नहीं किया जैसा मौजूदा सरकार कर रही है। उनके अनुसार, वर्तमान प्रशासन ने अल्पसंख्यक समुदायों के लिए निर्धारित सभी लाभों को फ्रीज कर दिया है।
चिन्निथला ने दावा किया कि हाल के स्थानीय स्वशासन चुनावों में अल्पसंख्यकों ने एकजुट होकर माकपा के खिलाफ मतदान किया, जिसके बाद पार्टी हताशा में नए-नए साम्प्रदायिक राजनीतिक प्रयोग कर रही है ताकि खोया हुआ जनाधार वापस पाया जा सके।
उन्होंने कहा, “केरल की जनता में इतनी राजनीतिक चेतना है कि वह इन हथकंडों को समझ सकती है।”
कांग्रेस नेता ने आगे आरोप लगाया कि माकपा जनता के फैसले को स्वीकार करने को तैयार नहीं है। उन्होंने कहा कि स्थानीय निकाय चुनावों में करारी हार के बावजूद पार्टी ने अपनी पराजय को मानने से इनकार किया है।
चिन्निथला ने चेतावनी देते हुए कहा, “जो पार्टी जनता के जनादेश को स्वीकार नहीं करती, उसे कोई नहीं बचा सकता। इस तरह के इनकार के राजनीतिक परिणाम और भी गंभीर होंगे।”
--आईएएनएस
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