पश्चिम बंगाल की ममता सरकार में कोई महिला सुरक्षित नहीं : अमित मालवीय
कोलकाता, 31 दिसंबर (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल में कानून-व्यवस्था को लेकर एक बार फिर सियासी घमासान तेज हो गया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बुधवार को एक वीडियो शेयर करते हुए दावा किया कि ममता बनर्जी के शासन में राज्य में महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं।
यह वीडियो दक्षिण 24 परगना जिले के कैनिंग उप-मंडल के बासंती ब्लॉक के उत्तर भांगनामारी गांव का बताया जा रहा है, जिसमें कुछ असामाजिक तत्व एक महिला और उसके परिवार के सदस्यों को बांस और डंडों से बेरहमी से पीटते नजर आ रहे हैं।
भाजपा आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने यह वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर शेयर किया। 'एक्स' पोस्ट में उन्होंने लिखा कि पश्चिम बंगाल में कोई भी महिला सुरक्षित नहीं है।
मालवीय के अनुसार, शिकायतकर्ता ने जिन लोगों पर आरोप लगाए हैं, उनमें जलील लस्कर, मुन्ना लस्कर, आरिफ लस्कर और अन्य शामिल हैं। वीडियो में खुलेआम हिंसा होती दिखाई दे रही है, जो हालात की गंभीरता को खुद बयां करती है।
अमित मालवीय ने कहा कि विवाद चाहे जो भी रहा हो, लेकिन दिनदहाड़े महिलाओं को बांस और बड़े डंडों से पीटना बेहद भयावह है। उन्होंने इसे कानून के डर की पूरी तरह से अनुपस्थिति बताया।
उनके मुताबिक, इस तरह की बेखौफ हिंसा यह संकेत देती है कि हमलावरों को या तो राजनीतिक संरक्षण का भरोसा है या फिर राज्य की मशीनरी की उदासीनता और मिलीभगत का।
मालवीय ने आगे कहा कि यह कोई एकल घटना नहीं है, बल्कि पश्चिम बंगाल में बिगड़ती कानून-व्यवस्था का प्रतीक है। उनका दावा है कि जिस राज्य में अपराधी खुलेआम महिलाओं पर हमला करने का साहस रखते हों, वह राज्य महिलाओं के खिलाफ है।
उन्होंने महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान के लिए मौजूदा सरकार को हटाने की मांग भी की।
उधर, पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने भी यही वीडियो साझा करते हुए कहा कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए इस “महिला विरोधी सरकार” को सत्ता से हटाना जरूरी है।
इसी बीच, अमित मालवीय ने एक अन्य पोस्ट में पश्चिम बर्धवान जिले के पांडाबेश्वर में भाजपा के एसआईआर कैंप को तोड़े जाने और आग लगाए जाने का वीडियो एवं तस्वीरें भी शेयर कीं। उन्होंने आरोप लगाया कि यह घटना तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं द्वारा की गई और पुलिस को पहले से सूचना देने के बावजूद वह मूकदर्शक बनी रही।
मालवीय ने सवाल उठाया कि जब लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं का जवाब आगजनी और धमकी से दिया जाता है, तो यह शासन व्यवस्था की गहरी कमजोरी को उजागर करता है।
उन्होंने पूछा कि आखिर ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस किस बात से डर रही हैं, जो उन्हें हिंसा और तोड़फोड़ का सहारा लेना पड़ रहा है।
--आईएएनएस
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