त्रिपुरा से तस्करी करके लाए गए बाल श्रमिकों की तलाशी में जुटी अरुणाचल पुलिस
अगरतला/इटानगर, 24 दिसंबर (आईएएनएस)। त्रिपुरा पुलिस के अनुरोध पर अरुणाचल प्रदेश पुलिस ने 30 बाल श्रमिकों और कुछ वयस्क श्रमिकों को ढूंढकर बचाने के लिए तलाशी अभियान शुरू किया है। इन श्रमिकों को कथित तौर पर जबरन काम के लिए राज्य में लाया गया था।
त्रिपुरा के उनाकोटी जिले के कैलाशहर पुलिस स्टेशन के प्रभारी अधिकारी तापस मलाकर ने बताया कि गुमशुदा लोगों का मामला दर्ज होने के बाद त्रिपुरा पुलिस ने अरुणाचल प्रदेश पुलिस से संपर्क कर सहायता मांगी।
मलाकर ने मीडिया को बताया कि अब तक अरुणाचल प्रदेश पुलिस ने 30 श्रमिकों में से चार का पता लगा लिया है और शेष बाल और वयस्क श्रमिकों को बचाने के लिए गहन प्रयास जारी हैं।
मंगलवार को लापता बच्चों और युवाओं के परिवारवालों ने कैलाशहर पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज कराई, जिसमें आरोप लगाया गया कि उनके बच्चों के साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा है और उन्हें अमानवीय परिस्थितियों में रहने के लिए मजबूर किया जा रहा है, जिससे उन्हें गंभीर मानसिक पीड़ा हो रही है।
मलकार ने स्थिति की मानवीय गंभीरता को रेखांकित करते हुए कहा कि परिवार वाले गहरे दुख में हैं और अपने प्रियजनों की सुरक्षित और शीघ्र वापसी के लिए बेताब हैं।
लापता बच्चों के माता-पिता उनाकोटी जिले के चाय बागानों में काम करते हैं। इस बीच, त्रिपुरा के श्रम, सामाजिक कल्याण और सामाजिक शिक्षा मंत्री टिंकू रॉय ने अरुणाचल प्रदेश के वाणिज्य और उद्योग, श्रम और रोजगार मंत्री न्यातो दुकम को पत्र लिखकर बच्चों को बचाने के लिए हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है।
अपने पत्र में रॉय ने बताया कि उनाकोटी जिले के कैलाशहर स्थित रंगरुंग चाय बागान और एक अन्य चाय बागान से लगभग 30 बाल श्रमिकों और कुछ वयस्क श्रमिकों को मजदूरी का लालच देकर अरुणाचल प्रदेश ले जाया गया था।
हालांकि, तस्करों ने कथित तौर पर उन्हें (बाल श्रमिकों को) उनके कानूनी हक से वंचित कर दिया।
मंत्री ने आगे कहा कि परिवार के सदस्यों का आरोप है कि बच्चों के साथ दुर्व्यवहार किया गया और उन्हें अमानवीय परिस्थितियों में रहने के लिए मजबूर किया गया, जिससे उन्हें गंभीर मानसिक पीड़ा और चिंता हुई।
--आईएएनएस
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