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शिवकुमार ने केंद्र से कर्नाटक को 40–45 टीएमसी पानी देने की मांग की

 

नई दिल्ली, 24 दिसंबर (आईएएनएस)। कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री और जल संसाधन मंत्री डी.के. शिवकुमार ने बुधवार को कहा कि उन्होंने नदी जोड़ो परियोजना के तहत राज्य को कम से कम 40 से 45 टीएमसी पानी आवंटित करने का आग्रह केंद्र सरकार से किया है। इसके साथ ही उन्होंने भीमा नदी बेसिन के लिए अतिरिक्त 5 टीएमसी पानी जारी करने की भी मांग की है।

दिल्ली में कर्नाटक भवन में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए शिवकुमार ने कहा, “हमने नदी जोड़ो परियोजना के तहत कर्नाटक के लिए 40–45 टीएमसी पानी की मांग की है। इसके अलावा, भीमा बेसिन के लिए अतिरिक्त 5 टीएमसी पानी छोड़ने का भी अनुरोध किया गया है।”

उन्होंने बताया कि केंद्रीय जल शक्ति मंत्री के नेतृत्व में गठित नेशनल वाटर डेवलपमेंट अथॉरिटी (एनडब्ल्यूडीए) की 24वीं बैठक बुधवार को हुई, जिसमें गोदावरी-कावेरी और बेदती-वरदा नदी जोड़ो परियोजनाओं पर चर्चा की गई।

शिवकुमार ने कहा, “गोदावरी–कावेरी नदी जोड़ो परियोजना के पहले चरण में कुल 148 टीएमसी क्षमता है, लेकिन कर्नाटक को इसमें केवल 15.90 टीएमसी पानी आवंटित किया गया है। हमने इस आवंटन के उपयोग और कवरेज क्षेत्र का पूरा ब्योरा मांगा है।”

उन्होंने कहा कि बेदती और वरदा नदियां पूरी तरह कर्नाटक में स्थित हैं, इसके बावजूद राज्य को इस परियोजना के तहत केवल 18.50 टीएमसी पानी दिया गया है। इन सभी परियोजनाओं के तहत कर्नाटक को कुल 34.40 टीएमसी पानी आवंटित हुआ है।

शिवकुमार ने बताया कि राज्य सरकार ने बेदती-वरदा नदी जोड़ो परियोजना के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने की मंजूरी दे दी है, जिसकी अनुमानित लागत करीब 10,000 करोड़ रुपये है। इसमें 90 प्रतिशत खर्च केंद्र सरकार वहन करेगी और 10 प्रतिशत राज्य सरकार देगी।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि जल शक्ति मंत्रालय को सूचित किया गया है कि कर्नाटक दो महीने के भीतर सभी आवश्यक दस्तावेज जमा करेगा। हमने केंद्र से वादा किए गए फंड जारी करने और अपर कृष्णा परियोजना के लिए गजट अधिसूचना जारी करने की मांग की है।

उन्होंने यह भी बताया कि महादायी परियोजना को लेकर राज्य ने पर्यावरण मंत्रालय से हस्तक्षेप के लिए केंद्र से अनुरोध किया है। उन्होंने कहा, “केंद्रीय जल शक्ति मंत्री ने सभी लंबित परियोजनाओं, जिनमें जल जीवन मिशन भी शामिल है, पर चर्चा के लिए अलग बैठक का आश्वासन दिया है।

--आईएएनएस

डीएससी