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क्रिसमस पर आंध्र प्रदेश सरकार ने पादरियों के लिए एक साल का मानदेय किया जारी

 

अमरावती, 25 दिसंबर (आईएएनएस)। आंध्र प्रदेश में एनडीए सरकार ने क्रिसमस के अवसर पर राज्य के पादरियों को बड़ा उपहार दिया है। सरकार ने पिछले एक वर्ष का मानदेय देने के लिए 50 करोड़ 50 लाख रुपये जारी किए हैं। यह रकम 8,148 पादरियों के बैंक खातों में जमा कर दी गई है।

एनडीपी के नेतृत्व वाले गठबंधन ने दिसंबर 2024 से नवंबर 2025 तक पादरियों को मानदेय के भुगतान के लिए 50.50 करोड़ रुपए की राशि जारी की।

हर पुजारी को 12 महीनों के लिए 6,000 रुपए का मासिक मानदेय प्रत्येक पादरी को 12 महीनों के लिए प्रति माह 6,000 रुपये मानदेय मिला है। 22 दिसंबर को सेमी क्रिसमस समारोह में हिस्सा लेते हुए मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने पादरियों का मानदेय जारी करने की घोषणा की थी।

इससे पहले अप्रैल महीने में सरकार ने मई 2024 से नवंबर 2024 तक का मानदेय जारी किया था। उस समय गुड फ्राइडे से पहले 30 करोड़ रुपये की राशि दी गई थी। एनडीए सरकार ने मासिक मानदेय 5,000 रुपए से बढ़ाकर 6,000 रुपए कर दिया है।

सत्तारूढ़ गठबंधन, जिसमें भारतीय जनता पार्टी और जनसेना पार्टी शामिल हैं, ने पिछले विधानसभा चुनाव में अल्पसंख्यकों के कल्याण से जुड़ी योजनाओं को जारी रखने का वादा किया था। इनमें पादरियों को दिया जाने वाला मानदेय भी शामिल है।

नेशनल क्रिश्चियन काउंसिल ने पिछले साल पादरियों को मानदेय का भुगतान फिर से शुरू करने के लिए मुख्यमंत्री नायडू को धन्यवाद दिया था। काउंसिल ने कहा कि ईसाई समुदाय लंबे समय से इस फैसले का इंतजार कर रहा था, साथ ही यरूशलेम की तीर्थयात्रा के लिए सब्सिडी योजना जारी रखने का भी इंतजार था।

राज्य सरकार हिंदू मंदिरों के अर्चकों, इमामों, मुअज्जिनों और पादरियों को मानदेय देती रही है। हाल ही में सरकार ने इमामों और मुअज्जिनों को छह महीने का मानदेय दिया है, जिसके लिए 45 करोड़ रुपये जारी किए गए।

पादरियों को मानदेय देने की शुरुआत वर्ष 2019 में तत्कालीन वाईएसआर कांग्रेस पार्टी सरकार ने की थी। उस समय मुख्यमंत्री वाई. एस. जगन मोहन रेड्डी थे। चुनावी वादे के तहत यह योजना शुरू की गई थी। तब भाजपा ने सरकार के इस कदम की निंदा की थी।

--आईएएनएस

एसएके/एएस