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Syria के Sweida अस्पताल में मेडिकल वर्कर पर खौफनाक हमला, कैमरे में कैद हुई सेना वर्दीधारी बंदूकधारियों की बर्बरता, देखें वीडियो

 

दमिश्क (सीरिया) – दक्षिणी सीरिया के स्वैदा शहर में स्थित नेशनल हॉस्पिटल से सामने आए एक सीसीटीवी वीडियो ने पूरे क्षेत्र में सनसनी फैला दी है। इस फुटेज में साफ दिखाई देता है कि सैन्य वर्दी पहने कुछ लोग अस्पताल में घुसकर एक मेडिकल वर्कर की गोली मारकर हत्या कर देते हैं। यह वीडियो स्थानीय एक्टिविस्ट मीडिया कलेक्टिव Suwayda 24 ने रविवार को जारी किया, जो 16 जुलाई का बताया जा रहा है। उस समय स्वैदा में द्रूज़ अल्पसंख्यक समुदाय के लड़ाकों, हथियारबंद जनजातीय समूहों और सरकारी बलों के बीच भीषण संघर्ष चल रहा था।

वीडियो में दिखा डरावना मंजर

वीडियो में कई मेडिकल स्टाफ सदस्य हरे रंग के स्क्रब (अस्पताल की यूनिफॉर्म) पहने फर्श पर घुटनों के बल बैठे दिखाई देते हैं। उनके सामने हथियारबंद पुरुष खड़े हैं। इनमें से एक सशस्त्र व्यक्ति एक मेडिकल वर्कर को पकड़कर उसके सिर पर मारता है, मानो उसे गिरफ्तार करने की कोशिश कर रहा हो। पीड़ित प्रतिरोध करने की कोशिश करता है और हमलावर के साथ झड़प करता है, लेकिन तभी एक अन्य व्यक्ति असॉल्ट राइफल से उस पर गोली चला देता है। इसके बाद एक और हमलावर पिस्तौल से दूसरी गोली मारता है, जिससे मौके पर ही उसकी मौत हो जाती है। फुटेज में एक व्यक्ति गहरे रंग का जंपसूट पहने नजर आता है, जिस पर “Internal Security Forces” लिखा हुआ है। वह व्यक्ति अस्पताल में वर्दीधारी लोगों को अंदर की ओर ले जाता दिखता है। एक अन्य कैमरे के फुटेज में अस्पताल के बाहर एक टैंक भी खड़ा दिखाई देता है।

स्थानीय एक्टिविस्ट मीडिया का दावा है कि ये सभी हमलावर सीरियाई सेना और सुरक्षा बलों से जुड़े थे। हालांकि, सीरियाई सरकार के एक अधिकारी ने कहा कि अभी तक हमलावरों की पहचान पक्के तौर पर नहीं हो पाई है और यह जांच की जा रही है कि वे सरकारी बलों के सदस्य थे या किसी जनजातीय समूह के। उन्होंने नाम न छापने की शर्त पर मीडिया से बात की और बताया कि इस मामले में तीन महीने के भीतर रिपोर्ट देने के लिए एक जांच समिति गठित की गई है, जो दक्षिण सीरिया में नागरिकों पर हुए हमलों की जांच कर रही है।

द्रूज़ समुदाय और सरकार के रिश्तों में बढ़ा तनाव

स्वैदा नेशनल हॉस्पिटल में हुई यह घटना पहले से ही तनावपूर्ण माहौल को और भड़काने वाली है। जुलाई में द्रूज़ लड़ाकों और हथियारबंद बेडुइन जनजातियों के बीच हुई झड़पों के बाद द्रूज़ समुदाय पर निशाना साधते हुए सांप्रदायिक हमले हुए थे। इस हिंसा ने द्रूज़ समुदाय और सीरिया की इस्लामिक नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के बीच रिश्तों को और बिगाड़ दिया है। राष्ट्रपति अहमद अल-शराआ के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार का लक्ष्य दक्षिणी क्षेत्र में अपना पूर्ण नियंत्रण स्थापित करना और द्रूज़ गुटों को निशस्त्र करना है। हालांकि, लड़ाई फिलहाल धीमी पड़ चुकी है, लेकिन सरकारी बलों ने स्वैदा शहर को घेर रखा है। द्रूज़ नेताओं का आरोप है कि शहर में मानवीय सहायता मुश्किल से पहुंच रही है और इसे “घेराबंदी” की स्थिति कहा जा सकता है।

मानवीय सहायता पर भी हमला

सीरियन अरब रेड क्रिसेंट (SARC) ने शनिवार को एक बयान में कहा कि स्वैदा में भेजी गई उनकी एक राहत काफिले पर सीधा हमला किया गया। इस हमले में कई वाहनों को नुकसान पहुंचा। संगठन ने यह नहीं बताया कि हमला किस समूह ने किया।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की प्रतिक्रिया

रविवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने दक्षिणी सीरिया में जारी हिंसा पर “गहरी चिंता” व्यक्त की और नागरिकों पर हो रहे हमलों की निंदा की। परिषद ने सीरियाई सरकार से अपील की कि वह “विश्वसनीय, त्वरित, पारदर्शी, निष्पक्ष और व्यापक जांच” सुनिश्चित करे। सुरक्षा परिषद के बयान में यह भी दोहराया गया कि अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून के तहत सभी मेडिकल कर्मियों, मानवीय कार्यकर्ताओं, उनके परिवहन साधनों, उपकरणों, अस्पतालों और मेडिकल सुविधाओं की सुरक्षा की जानी चाहिए। परिषद ने सीरिया में “विदेशी आतंकवादी लड़ाकों” की मौजूदगी पर चिंता जताई और सभी देशों से अपील की कि वे ऐसे किसी भी कदम से बचें, जो देश को और अस्थिर कर सकता है। यह टिप्पणी अप्रत्यक्ष रूप से इजरायल की ओर इशारा करती है, जिसने पिछले महीने के संघर्ष में द्रूज़ समुदाय के समर्थन में हस्तक्षेप किया था और सीरियाई सरकारी बलों पर हवाई हमले किए थे।

हालात अब भी नाजुक

हालांकि, जुलाई की हिंसा के बाद से लड़ाई धीमी हो गई है, लेकिन स्वैदा में हालात अभी भी तनावपूर्ण हैं। अस्पताल में हुई यह हत्या न केवल अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानून का गंभीर उल्लंघन है, बल्कि यह सीरिया में जारी गहरे सांप्रदायिक विभाजन और राजनीतिक अस्थिरता को भी उजागर करती है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस तरह की घटनाएं डर और अविश्वास को और बढ़ा रही हैं। कई मेडिकल कर्मियों ने बताया कि वे अब अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं और जरूरी मानवीय सेवाओं में काम करना जोखिम भरा हो गया है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय अब सीरिया सरकार पर दबाव बढ़ा रहा है कि वह इस घटना की पूरी और निष्पक्ष जांच करे तथा दोषियों को सख्त सजा दे। वहीं, मानवीय संगठनों ने चेतावनी दी है कि यदि मेडिकल और राहत कर्मियों पर ऐसे हमले जारी रहे तो दक्षिण सीरिया में स्वास्थ्य और राहत सेवाएं पूरी तरह ठप हो सकती हैं।