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शादी के 24 साल बाद भी नहीं हुई संतान तो दंपती ने तांत्रिक के कहने पर मंदिर में किया ऐसा काम, अब हो रहा पछतावा

 

क्राइम न्यूज डेस्क !!! बच्चों की खातिर मंदिर में कबूतरों की बलि देकर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के चार आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने आरोपियों पर पशु क्रूरता अधिनियम की धारा भी बढ़ा दी है. इससे पहले पुलिस ने धार्मिक स्थल में तोड़फोड़ कर भावनाएं भड़काने और आर्थिक नुकसान पहुंचाने आदि की धाराओं में केस दर्ज किया था। शुक्रवार को पुलिस लाइन सभागार में आयोजित प्रेसवार्ता में एसपी सिटी सत्यनारायण प्रजापत ने बताया कि 30 मई को चरथावल थाना क्षेत्र के रोनिहरजीपुर गांव में एक मंदिर की मूर्ति और फर्श पर खून के छींटे मिले थे। इस पर ग्रामीणों ने हंगामा कर दिया।

एसपी सिटी ने बताया, चरथावल थाना प्रभारी जसवीर सिंह को जांच के दौरान पता चला कि गांव के ऋषिपाल का बेटा वीर सिंह तंत्र-मंत्र करता है. गुरुवार को पुलिस ने उसे हिरासत में लिया और सख्ती से पूछताछ की तो पूरे मामले का खुलासा हो गया. पुलिस ने ऋषिपाल के अलावा गांव के मनीष उर्फ ​​मोनू पुत्र धर्मपाल, सुभाष पुत्र किशना और इंद्रपाल पुत्र दलेल को गिरफ्तार कर लिया।

इंद्रपाल को 24 साल से संतान नहीं हो रही थी

एसपी सिटी ने बताया, इंद्रपाल को 24 साल से संतान नहीं हो रही थी। सुभाष ने इंद्रपाल को बताया था कि गांव में ही मनीष के बच्चे नहीं हो रहे हैं, लेकिन तांत्रिक ऋषिपाल द्वारा कराए गए अनुष्ठान के बाद मनीष के घर बच्चा पैदा हुआ। इंद्रपाल ने मनीष को बताया तो उसने पुष्टि की। इसके बाद सुभाष और मनीष इंद्रपाल को तांत्रिक ऋषिपाल के पास ले गए।

ऋषिपाल ने पशु बलि मांगी, लेकिन बालाजी के उपासक इंद्रपाल ने पशु बलि देने से इनकार कर दिया। इस पर ऋषिपाल ने कबूतर की बलि देने को कहा। ऋषिपाल की बात सुनकर 29 मई को इंद्रपाल, सुभाष और मनीष ने जंगल में जाल लगाकर एक कबूतर को पकड़ लिया और आरोपियों ने रात को मंदिर में जाकर कबूतर की बलि दे दी। किसी को उन पर शक न हो इसलिए आरोपियों ने मंदिर का शीशा भी तोड़ दिया था. प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद पुलिस ने चारों आरोपियों को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया.