शराब के नशे में पति ने की ऐसी हरकत, बेटे को लेकर सुसाइड करने रेलवे ट्रैक पहुंच गई पत्नी
कभी-कभी पति-पत्नी के बीच छोटी-छोटी बातों से उपजा तनाव बड़ा रूप ले लेता है और ऐसी स्थितियां उत्पन्न हो जाती हैं, जहां भावनाएं इंसान को खतरनाक फैसले लेने पर मजबूर कर देती हैं। ग्वालियर के गोला का मंदिर थाना क्षेत्र के नारायण विहार कॉलोनी से एक ऐसा ही दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, जहां एक महिला ने अपने 9 साल के बेटे के साथ आत्महत्या की कोशिश की।
पति द्वारा की गई सार्वजनिक बेइज्जती से आहत महिला रेलवे ट्रैक पर जाकर आत्महत्या करने बैठ गई। हालांकि समय रहते राहगीरों की सतर्कता और पुलिस की तत्परता ने एक बड़ा हादसा होने से रोक लिया। अब यह मामला रिश्तों की संवेदनशीलता और भावनात्मक नियंत्रण की जरूरत पर एक गंभीर सवाल खड़ा करता है।
झगड़ा, बेइज्जती और टूटा सब्र का बांध
मामले की शुरुआत रविवार को हुई, जब महिला का भाई और भाभी बिहार से ग्वालियर आए थे। महिला का भाई हाल ही में शादी के बाद पहली बार बहन के घर आया था। इसी मौके पर महिला, उसका पति, भाई और भाभी मिलकर ग्वालियर किला घूमने गए। किले की सैर के दौरान पति और पत्नी के बीच हल्की-फुल्की नोकझोंक शुरू हो गई, जो कुछ ही देर में गाली-गलौच और झगड़े में बदल गई। महिला का आरोप है कि पति ने उसके भाई के सामने उसे अपमानित किया, उसे गालियां दीं और सबके समझाने के बावजूद नहीं रुका। यहां तक कि पति ने पत्नी को किले पर ही छोड़ दिया और खुद घर चला गया।
घर लौटी तो बंद दरवाजा और नशे में पति
काफी अपमान और मानसिक आघात के बाद जब महिला अपने परिजनों के साथ घर पहुंची तो घर पर ताला लगा था। पति से संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन उसने फोन नहीं उठाया। देर रात वह नशे की हालत में घर लौटा। उस वक्त महिला ने विवाद नहीं बढ़ाया, लेकिन मन में ठेस गहराई तक बैठ गई।
सुबह हुआ विस्फोट, आत्महत्या की कोशिश
अगले दिन सुबह जब पति का नशा उतर गया, तो महिला ने उससे बात करने की कोशिश की। उसने अपने पति से पिछले दिन के बर्ताव और अपमान पर नाराजगी जताई, खासतौर पर साले (देवर) के सामने उसकी बेइज्जती पर। लेकिन पति ने बात मानने की बजाय फिर से गाली-गलौच और घर में तोड़फोड़ शुरू कर दी। इससे आहत होकर महिला ने अपना 9 वर्षीय बेटा साथ लिया और आत्महत्या का फैसला कर लिया। वह नारायण विहार कॉलोनी के पीछे रेलवे ट्रैक पर जाकर बैठ गई। बच्चे के रोने की आवाज और महिला की स्थिति देखकर कुछ राहगीरों को शक हुआ। उन्होंने तुरंत पुलिस को सूचना दी।
पुलिस ने बचाई दो जिंदगियां
सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और महिला को समझाकर रेलवे ट्रैक से हटाया। उसे सुरक्षित थाने लाया गया, जहां महिला ने अपने पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी। पुलिस ने फिर उसके पति को थाने बुलाया और दोनों की काउंसलिंग कराई। काउंसलिंग के दौरान पति ने अपनी गलती स्वीकार की और भविष्य में ऐसा व्यवहार न करने का वादा किया। इसके बाद महिला ने बेटे के साथ पति के साथ जाने की सहमति दी और पुलिस ने दोनों को घर भेज दिया।
सवाल जो उठते हैं
यह घटना सिर्फ एक पारिवारिक विवाद नहीं, बल्कि समाज में मानसिक तनाव, संवादहीनता और रिश्तों की गिरती सहनशीलता की तस्वीर है। पत्नी को अपने ही परिवार के सामने अपमानित किया जाना उसके आत्मसम्मान पर गहरी चोट थी, जिसका परिणाम आत्महत्या जैसी खतरनाक सोच में निकला। यह भी समझने की जरूरत है कि बच्चे, जो ऐसे विवादों के मूक दर्शक होते हैं, उनके कोमल मन पर कितना गहरा प्रभाव पड़ता है। यदि समय रहते महिला को रोक न लिया जाता, तो एक बेटा अपने मां के साथ जान गंवा सकता था, वह भी उस गलती के लिए जो उसकी नहीं थी।