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डिजिटल पेंशन प्लेटफॉर्म ‘स्पर्श’ पर पंजीकृत रक्षा पेंशनभोगियों की संख्या 31 लाख के पार

 

नई दिल्ली, 15 दिसंबर (आईएएनएस)। देश के सबसे बड़े डिजिटल पेंशन प्लेटफॉर्म ‘स्पर्श’ पर पंजीकृत रक्षा पेंशनर्स की संख्या अब बढ़कर 31.69 लाख हो गई है। इसके साथ शिकायतों के निवारण का औसत समय 56 दिनों से घटकर 17 दिनों का हो गया है। रक्षा मंत्रालय की ओर से सोमवार को यह जानकारी दी गई।

रक्षा मंत्रालय ने कहा, "सही समय पर सही पेंशनभोगी को सही पेंशन सुनिश्चित करने के उद्देश्य से पेंशन प्रशासन प्रणाली - रक्षा (स्पर्श) देश का पहला संपूर्ण डिजिटल पेंशन प्लेटफॉर्म बनकर उभरा है। प्रयागराज स्थित पीसीडीए (पेंशन) के माध्यम से रक्षा लेखा विभाग (डीएडी) द्वारा संचालित ‘स्पर्श’ ने नवंबर, 2025 तक भारत और नेपाल में 31.69 लाख रक्षा पेंशनभोगियों को अपने साथ जोड़ा है। यह 45 हजार से अधिक एजेंसियों द्वारा पहले प्रबंधित खंडित प्रणाली को एक एकीकृत, पारदर्शी और जवाबदेह डिजिटल ढांचे से प्रतिस्थापित करता है।"

मंत्रालय ने आगे कहा कि पुराने सिस्टम से संबंधित 94.3 प्रतिशत विसंगतिपूर्ण मामलों का समाधान हो गया है। पिछली प्रणाली से स्थानांतरित किए गए 6.43 लाख विसंगतिपूर्ण मामलों में से 6.07 लाख मामलों को पेंशनभोगियों के अधिकारों को प्रभावित किए बिना सामान्य कर दिया गया है।

देश में 284 ‘स्पर्श’ पहुंच कार्यक्रम और 194 रक्षा पेंशन समाधान कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं। चालू वित्त वर्ष में आयोजित इन कार्यक्रमों के दौरान 8 हजार से अधिक शिकायतों का मौके पर ही समाधान किया गया है।

रक्षा मंत्रालय ने कहा कि पेंशनभोगी अब अपनी पेंशन की पूरी जानकारी ऑनलाइन देख सकते हैं और आसानी से सुधार संबंधी शिकायतें दर्ज करा सकते हैं। शिकायतों के निवारण का औसत समय अप्रैल, 2025 में 56 दिन से घटकर नवंबर, 2025 में 17 दिन हो गया है।

वित्त वर्ष 2024-25 में, रक्षा पेंशन बजट के अंतर्गत 1,57,681 करोड़ रुपए का वितरण ‘स्‍पर्श’ के माध्यम से वास्तविक समय के आधार पर किया गया। जुलाई, 2024 में लागू वन रैंक वन पेंशन-III के अंतर्गत मात्र 15 दिनों में 20.17 लाख लाभार्थियों को 1,224.76 करोड़ रुपए का त्वरित वितरण संभव हुआ।

‘स्पर्श’ देश की सबसे बड़ी एकीकृत पेंशन प्रणाली है और रक्षा कर्मियों के लिए एकमात्र पूर्णतः एकीकृत डिजिटल पेंशन समाधान है। यह पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों के लिए सम्मान, देखभाल और समय पर सहायता सुनिश्चित करने के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

--आईएएनएस

एबीएस/