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पराली की समस्या सालभर में हल हो सकती हैं पर राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी: सीएम केजरीवाल

 

देश की राजधानी दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में प्रदूषण का स्तर एक बार फिर लगातार बढ़ रहा है,जिसको लेकर दिल्ली कई अहम कदम उठाते दिख रही हैं। जिसके चलते दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि पराली जलाने की समस्या का समाधान एक साल में हो सकता है, लेकिन इसके लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति का अभाव है। उन्होंने कहा कि मैं केंद्रीय पर्यावरण मंत्री से आग्रह करता हूं कि जब तक पराली जलाने की समस्या का समाधान नहीं हो जाता, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश की बैठकें बुलाएं।

उन्होंने आगे कहा,”दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण पर काबू के लिए पराली जलाने के समाधान को लेकर निश्चित समयसीमा होनी चाहिए।”

इससे पहले, दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा था कि,”महानगर में वायु प्रदूषण से लड़ने में सम-विषम योजना को लागू करना अंतिम विकल्प होगा और वर्तमान में सरकार रेड लाइट जली, गाड़ी बंद अभियान पर ध्यान दे रही है। राय ने एक संवाददाता सम्मेलन में एक सवाल के जवाब में कहा था कि अगर अन्य सभी रास्ते विफल हो जाते हैं तो दिल्ली सरकार सम-विषम योजना को लागू करने के बारे में सोचेगी।”

राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता ‘‘खराब’’ श्रेणी में दर्ज की गई क्योंकि पड़ोसी राज्यों में इस मौसम मंं एक दिन में पराली जलाने की सर्वाधिक 1230 घटनाएं दर्ज की गईं. दिल्ली के वातावरण में ‘पीएम 2.5’ कणों में पराली जलाने की हिस्सेदारी 17 फीसदी है। शनिवार को यह 19 फीसदी थी, शुक्रवार को 18 फीसदी थीं।

साथ ही यह भी बताते चलें की राजधानी में बढ़ते प्रदूषण को लेकर दिल्ली सरकार पूरी तरह गंभीर दिख रही है। उत्तरी दिल्ली नगर निगम के अंतर्गत आने वाले दिल्ली के किराड़ी की मुख्य सड़क के किनारे कचरे के ढेर में लगी आग पर कार्रवाई नहीं करने के चलते NDMC के खिलाफ एक करोड़ का जुर्माना लगाया गया है।